उरला (मंडी)। चौहारघाटी में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है। किसानों में पैदावार का उचित भाव न मिलने से खासा रोष है। वहीं दूसरी ओर किसान सब्जी मंडी तथा विपणन भंडार की मांग करने लगे हैं। हर साल किसान जीतोड़ मेहनत कर सब्जियों एवं कनकदी फसलें उगातें हैं। मगर सब्जी मंडी एवं विपणन भंडार न होने से उनकी सारी मेहनत दलालों और बिचौलिए सस्ते दामों में खरीद चांदी कूटते हैं।
चौहारघाटी में लहसुन दस से पंद्रह रुपए किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है। बाजारों में सब्जी और अन्य फल उत्पादों की कीमत आसमान छू रही है। किसानों में लाभ सिंह ठाकुर, संत राम, रमी राम, भूमि सिंह, प्रकाश चंद, संत राम और गंगू राम ने बताया कि ग्राम पंचायत धमच्याण और लटराण में इस बार लहसुन की बंपर फसल हुई है। दुर्गम सब्जी मंडी और विपणन भंडार न होने से किसानों को मजबूरन सस्ते दामों में बिक्री करनी पड़ रही है। ऐसे में दलाल और बिचौलिए मोटी कमाई कर रहे हैं। हर साल चौहारघाटी के दुर्गम इलाकाें में आलू, मटर, गोभी, मूली सहित अन्य सब्जी उत्पादों की बंपर पैदावार होती है। बावजूद इसके किसान आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं।
गुस्साए किसानों का कहना है कि यहां विपणन भंडार खोलने की मांग कई बार की जा चुकी है। किसी भी सरकार ने इस दिशा में प्रयास नहीं किए हैं। अगर सरकार घाटी में सब्जी मंडी और विपणन भंडार खोलती है तो किसान दलालों और बिचौलियों के चुंगल से आजाद हो जाएंगे। इससे उन्हें अपने उत्पादों का उचित भाव मिलेगा।