रिवालसर (मंडी)। वन्य प्राधिकरण के तीन दशक पुराने वन्य प्राणी विहार रिवालसर को बजट की दरकार है। बजट का प्रावधान न होने से चिड़ियाघर में अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। वन्य प्राणी भी असुरक्षित हैं। मगर, विभाग वन्य प्राणी विहार में मौजूद प्राणियाें को सुविधाएं दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने वन मंत्री खीमी राम से वन्य प्राणी विहार की हालत जल्द सुधारने की मांग की है। नगर पंचायत अध्यक्ष बंसी लाल, पार्षद लाभ सिंह, अनिल गुप्ता, यशपाल सोनी आदि का कहना है कि वन्य प्राणी विहार में रखे गए जानवरों को घुटन भरे माहौल में रहना पड़ रहा है। 4-5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खुले चिड़ियाघर का अधिकांश भाग पहाड़ी और ढलानदार है। भू-भाग में हरियाली भी गायब है। क्षेत्रफल में कमी के चलते जानवराें को कैदियों सी जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। इससे पर्यटकों को भी निराशा हाथ लग रही है। बरसात में नालाें के कहर तथा पहाड़ियां दरकने से जीवों का जीवन खतरे से घिरा हुआ है।
लोगों का कहना है कि चिड़ियाघर के साथ ही वन विभाग का बहुत बड़ा विकसित जंगल है। इसे वन्य प्राणी विहार के साथ जोड़ा जा सकता है। उक्त लोगों ने वन मंत्री खीमी राम तथा प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों से वन्य प्राणी विहार की दशा सुधारने की मांग की है। इधर, वन मंत्री खीमी राम का कहना है कि वन्य प्राणी विहार रिवालसर की दशा में सुधार के लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा।