मंडी। मंडी शहर में अवैध कब्जों पर नगर परिषद का हथौड़ा बदस्तूर बरसता रहेगा। मंडी में अवैध निर्माणों पर चल रहे नप के हथोडे़ को रुकवाने के लिए प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर याचिका को माननीय हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। वहीं पर गरीबों के आशियाने गिराने के विरोध में वाम संगठन और अन्य सामाजिक संगठन विरोध में उतर गए हैं। दो दिन बाद फिर से नप का हथौड़ा अवैध कब्जों पर बरसने वाला है।
नप की कार्रवाई के बाद कुछ लोगों ने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और सोमवार को इस पर सुनवाई होनी थी। कोर्ट गए अवैध कब्जाधारियों की याचिका को खारिज कर दिया है। दूसरी तरफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी की कोर्ट में दायर याचिका पर भी अब 23 मई को नगर परिषद अपना पक्ष रखेगी। नगर परिषद ने सोमवार को कोर्ट के समक्ष इस मामले में शपथ पत्र दायर करना था। लेकिन नगर परिषद ने कागजी प्रक्रिया लंबी होने के चलते कोर्ट से एक दिन का और समय मांगा है। अब नगर परिषद 23 मई को अपना पक्ष रखेगी ।
अदालत अवैध कब्जाधारियों का पक्ष भी सुनेगी। वहीं पर सोमवार को प्रभावित परिवार और वाम संगठनों की ओर से मंडी शहर में एक रोष रैली निकाली और उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। अब तक एक दर्जन से अधिक भवन गिराये जा चुके हैं। कई राजनीतिक दल और अन्य संगठन के इसके विरोध में खडे़ हो गए हैं। कई लोग प्रदेश उच्च न्यायालय की शरण में भी चले गए थे, लेकिन कोर्ट ने इन लोगों की याचिका को ही खारिज कर दिया है।
नगर परिषद की कार्रकारी अधिकारी उर्वशी वालिया ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय से नगर परिषद को 23 मई तक का समय मिल गया है। नगर परिषद अब 23 मई को कोर्ट के समक्ष अपना शपथ पत्र रखेगी। जो लोग प्रदेश उच्च न्यायालय में गए थे, उनकी याचिका भी खारिज होने की जानकारी नगर परिषद के वकील ने दी है।