मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा निगम को उपभोक्ता को एक लाख रुपये मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 20 हजार रुपये हर्जाना और 1000 रुपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों सत्यभामा एवं केपी सहगल ने आनी तहसील के कोट (खनाग) गांव निवासी घंबी देवी उर्फ मैनू देवी पत्नी मनी राम के पक्ष में भारतीय जीवन बीमा निगम को उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का आदेश दिया। अधिवक्ता आरएस राणा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के पति मनी राम ने लोक निर्माण विभाग में नौकरी के दौरान निगम से अपने को बीमाकृत करवाकर उपभोक्ता को अपना नामिनी बनाया था। मनी राम के देहांत के बाद उपभोक्ता ने उनकी मृत्यु संबंधी सभी दस्तावेज निगम को मुहैया करवाकर मुआवजे की मांग की थी, लेकिन निगम ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि उपभोक्ता के पति ने अपनी बीमारी के बारे में गलत सूचना निगम को मुहैया करवाई थी। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि निगम की ओर से अपने तर्क को साबित करने के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र की फोटोकापी ही पेश की गई। इसके अलावा प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सक का शपथ पत्र भी फोरम में पेश नहीं किया गया। इससे निगम का मुआवजा खारिज करने संबंधी तर्क साबित नहीं हुआ। फोरम ने निगम के मुआवजा अदा न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। वहीं, निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।