मंडी। नारकोटिक्स ब्यूरो का अधिकारी लोगों को फोन कर चरस के केस में संलिप्त होने की बात कर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में लेता था। फोन कर बताया जाता था कि चरस के साथ पकड़े गए आरोपी ने आप का नाम भी बताया है। आपको ब्यूरो आफिस आना होगा। इसके बाद शुरू होती थी लेनदेन की सारी बातें। नारकोटिक्स ब्यूरो के जोनल डारेक्टर रोहित कटियाल का कहना है कि अरविंद शर्मा हमारे बेस्ट अधिकारियाें में एक था, यह सब कैसे हुआ जांच के बाद ही बताया जा सकता है।
विजिलेंस ने आरोपी इंटेलीजेंस आफिसर अरविंद शर्मा के बैंक खातों की भी जांच करेगी। इसके विजिलेंस पता लगाने का प्रयास करेगी कि उनके खाते में कब और कहां से रुपये जमा हुए है। क्योंकि देखा गया है कि कुछ अधिकारी रिश्वत के लिए अपने बैंक खातों का भी प्रयोग करते आए हैं। देर रात विजिलेंस के दल ने आरोपी अधिकारी अरविंद शर्मा के घर में छापामारी की थी। विजिलेंस की टीम के हाथ कुछ नहीं लगा। नारकोटिक्स ब्यूरो के जोनल डारेक्टर रोहित कटियाल ने फोन पर बताया कि रिश्वत लेता पकड़ा गया अधिकारी उनके बेस्ट अधिकारियाें में एक था। उन्हाेंने आरोपी को सस्पेंड कर दिया है। वहीं विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिया है।
इधर, विजिलेंस के एसपी वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इंटेलीजेंस आफिसर अरविंद शर्मा पर आरोप था कि उन्होंने दिसंबर 2011 के एक केस से बचाने के लिए 1.50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। इसे बाद में 1.10 लाख तय हुई थी। उक्त अधिकारी लोगों को फोन कर केस से बचाने के लिए पैसे की मांग करता था।