उदयपुर (लाहौल-स्पीति)। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पानी पिलाने वाले कर्मचारी एक साल से अधिक समय से यह उम्मीद लगा कर स्कूलों में अपनी सेवाएं जारी रखे हुए हैं कि उन्हें दो वक्त की रोजी के लिए आज नहीं तो कल वेतन मिल जाएगा। लाहौल घाटी के चार दर्जन से अधिक प्राथमिक स्कूलों में तैनात अंशकालीन जलवाहकों को वेतन न मिलने से उनका सब्र अब टूट गया है। ये दास्तां उन सेवा कर्मियों की है, जो सितंबर 2013 से अब तक पगार को तरस रहे हैं। सितंबर 2012 में नियुक्त में इन जलवाहकों को चौदह माह से वेतन नहीं मिला है। राजकुमार, दिनेश, सुनीता देवी और चंबा देवी ने बताया कि वर्ष 2003 में भी यहां के पचास जलवाहकों को लंबे समय तक वेतन नहीं मिलने से ग्यारह जलवाहकों ने नौकरी से तौबा कर ली थी। उस दौरान कुछ ने तो अंशकालीन जलवाहक बनने के लिए स्कूल भवन निर्माण के लिए अपनी जमीन भी दान में दी थी। इन लोगों का कहना है कि स्थिति कहीं वैसे ही तो नहीं बन रही है। उन्होंने कहा कि चार दर्जन से अधिक जलवाहकों के लाखों का वेतन एक साल से अधिक समय से सरकारी खजाने में फंसा हुआ है। इन जलवाहकों का कहना है कि उन्हें वेतन न मिलने से अब दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। उन्होंने सरकार एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से जल्द मानदेय देने की मांग की है। केलांग के खंड शिक्षा अधिकारी शिवदयाल का कहना है कि सितंबर 2012 में नियुक्त उन जलवाहकाें को वेतन नहीं मिला है। अभी सरकारी बजट नहीं आ पाया है। इससे वेतन देने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि पूरे बिल बना कर भेज दिए गए हैं। जैसे ही ग्रांट इन एड से पैसा आएगा, वेतन जारी कर दिया जाएगा।
उदयपुर (लाहौल-स्पीति)। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पानी पिलाने वाले कर्मचारी एक साल से अधिक समय से यह उम्मीद लगा कर स्कूलों में अपनी सेवाएं जारी रखे हुए हैं कि उन्हें दो वक्त की रोजी के लिए आज नहीं तो कल वेतन मिल जाएगा। लाहौल घाटी के चार दर्जन से अधिक प्राथमिक स्कूलों में तैनात अंशकालीन जलवाहकों को वेतन न मिलने से उनका सब्र अब टूट गया है। ये दास्तां उन सेवा कर्मियों की है, जो सितंबर 2013 से अब तक पगार को तरस रहे हैं। सितंबर 2012 में नियुक्त में इन जलवाहकों को चौदह माह से वेतन नहीं मिला है। राजकुमार, दिनेश, सुनीता देवी और चंबा देवी ने बताया कि वर्ष 2003 में भी यहां के पचास जलवाहकों को लंबे समय तक वेतन नहीं मिलने से ग्यारह जलवाहकों ने नौकरी से तौबा कर ली थी। उस दौरान कुछ ने तो अंशकालीन जलवाहक बनने के लिए स्कूल भवन निर्माण के लिए अपनी जमीन भी दान में दी थी। इन लोगों का कहना है कि स्थिति कहीं वैसे ही तो नहीं बन रही है। उन्होंने कहा कि चार दर्जन से अधिक जलवाहकों के लाखों का वेतन एक साल से अधिक समय से सरकारी खजाने में फंसा हुआ है। इन जलवाहकों का कहना है कि उन्हें वेतन न मिलने से अब दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। उन्होंने सरकार एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से जल्द मानदेय देने की मांग की है। केलांग के खंड शिक्षा अधिकारी शिवदयाल का कहना है कि सितंबर 2012 में नियुक्त उन जलवाहकाें को वेतन नहीं मिला है। अभी सरकारी बजट नहीं आ पाया है। इससे वेतन देने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि पूरे बिल बना कर भेज दिए गए हैं। जैसे ही ग्रांट इन एड से पैसा आएगा, वेतन जारी कर दिया जाएगा।
अमर उजाला की खबरों को फेसबुक पर पाने के लिए लाइक करें
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।