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कुल्लू। जिला अस्पताल कुल्लू में जहां एक तरफ मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है वहीं दूसरी तरफ डाक्टरों की कमी के चलते लोगों की समस्या और बढ़ गई है। जिला अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण बीमारी के हालत में रोगियों को घंटों लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि डाक्टरों की कमी के कारण कई बार तो वे इंतजार करते-करते थक जाते हैं और उन्हें बाद में निजी अस्पतालों में अपना उपचार करवाना पड़ता है। सोमवार को भी मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं।
सोमवार को जिला अस्पताल में एक बजे तक 600 मरीजों ने अपना पंजीकरण करवाया था। शाम तक इस आंकड़े के हजार से ऊपर पहुंचने की उम्मीद है। क्षेत्रीय अस्पताल में उपचार करवाने आए मस्तराम, रीमा, गुड्डी देवी, प्यारू राम, जोगी राम, प्रेमा देवी, सुकली देवी, राधा देवी और भूप सिंह ने बताया कि वे नौ बजे से लाइनों में लगें हैं। करीब पांच घंटे बाद उनका नंबर आया है। क्षेत्रीय अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के कारण विशेषज्ञ चिकित्सक वार्ड का दौरा करने के बाद ओपीडी में पहुंचते हैं। तब तक ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
अफसरों को कर दिया है सूचित : एमएस
क्षेत्रीय अस्पताल की एमएस डा. नीना लाल ने माना कि चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी हो रही है। कहा कि डाक्टरों की कमी के बारे अधिकारियों को सूचित कर दिया है। अस्पताल में मरीजों को हरसंभव सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।
कुल्लू। जिला अस्पताल कुल्लू में जहां एक तरफ मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है वहीं दूसरी तरफ डाक्टरों की कमी के चलते लोगों की समस्या और बढ़ गई है। जिला अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण बीमारी के हालत में रोगियों को घंटों लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि डाक्टरों की कमी के कारण कई बार तो वे इंतजार करते-करते थक जाते हैं और उन्हें बाद में निजी अस्पतालों में अपना उपचार करवाना पड़ता है। सोमवार को भी मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं।
सोमवार को जिला अस्पताल में एक बजे तक 600 मरीजों ने अपना पंजीकरण करवाया था। शाम तक इस आंकड़े के हजार से ऊपर पहुंचने की उम्मीद है। क्षेत्रीय अस्पताल में उपचार करवाने आए मस्तराम, रीमा, गुड्डी देवी, प्यारू राम, जोगी राम, प्रेमा देवी, सुकली देवी, राधा देवी और भूप सिंह ने बताया कि वे नौ बजे से लाइनों में लगें हैं। करीब पांच घंटे बाद उनका नंबर आया है। क्षेत्रीय अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के कारण विशेषज्ञ चिकित्सक वार्ड का दौरा करने के बाद ओपीडी में पहुंचते हैं। तब तक ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
अफसरों को कर दिया है सूचित : एमएस
क्षेत्रीय अस्पताल की एमएस डा. नीना लाल ने माना कि चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी हो रही है। कहा कि डाक्टरों की कमी के बारे अधिकारियों को सूचित कर दिया है। अस्पताल में मरीजों को हरसंभव सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।