कुल्लू। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद कर्मचारी वर्ग में उनके हितों में व्यापक स्तर पर कदम उठाए जाने की उम्मीद जागी है। पैरा और पीटीए अध्यापकों के लिए ठोस नीति बनाए जाने की घोषणा के बाद अब अन्य कर्मचारियों को भी इस दिशा में सकारात्मक पहल होने की आस है।
कर्मचारियों का एक ऐसा ही वर्ग है कंप्यूटर और डाटा एंट्री आपरेट का। पिछले करीब सात आठ सालों से राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे यह कर्मचारी आउट सोर्सिंग के जरिये विभागों में तैनात हैं।
कांग्रेस सरकार बनने के बाद इन कर्मचारियों को भी उनके हित में कोई ठोस पहल होने की आस है। प्रदेश भर में करीब डेढ़ हजार से अधिक ऐसे कर्मचारी तैनात हैं। जिला कुल्लू में करीब 80 डाटा और कंप्यूटर आपरेटर विभिन्न सरकारी कार्यालयों में सेवाएं दे रहे हैं। कर्मचारियों का दावा है कि वह इसके लिए सभी अनिवार्य शैक्षणिक और व्यवसायिक योग्यताओं को पूरा करते हैं। वीरवार को कुल्लू इन कर्मचारियों ने कार्यकारिणी का गठन कर उन्हें विभागों के माध्यम से सीधे अनुबंध के आधार पर नियुक्तियां देने की मांग उठाई। साथ ही पीटीए और पैरा टीचरों की तर्ज पर उनके भविष्य को लेकर कोई ठोस नीति बनाने का आग्रह भी सरकार से किया।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने इन कर्मचारियों के मांगों का समर्थन किया है। प्रदेश आउट सोर्सिंग कर्मचारी संघ कुल्लू इकाई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ठाकुर सैन ने कहा है कि उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि उन्हें कंपनियों के बजाय सीधे विभागाें के माध्यम से अनुबंध आधार पर नियुक्तियां दी जाएं। सैन ने कहा कि काम की तुलना में उन्हें कम वेतन मिल रहा है। उधर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ कुल्लू इकाई के अध्यक्ष आशु गोयल ने कहा कि संघ इन कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करता है।