कुल्लू। एचआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल का कुल्लू में व्यापक असर देखने को मिला। कर्मचारियों के बंद के आह्वान के चलते कुल्लू और लाहौल-स्पीति के छोटे बडे़ सभी रूटों पर बसों की आवाजाही ठप रही। इस कारण आम जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
खासकर दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों टैक्सियों में महंगा सफर करना पड़ा। उधर, मांगों को लेकर कर्मचारी आज कुल्लू बस स्टैंड पर धरने पर बैठे। कर्मचारियों ने इस दौरान एचआरटीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बंद के आह्वान के चलते कुल्लू के कुल 176 रूटों पर बसें नहीं चल सकीं। वहीं, लाहौल घाटी के भी 56 रूटों पर आवागमन ठप रहा। लंबे रूटों की बसें बंद होने के कारण सैलानियों को निजी बसों में सफर करना पड़ा। जरूरी कार्यों से जाने वाले लोग भी निजी बसों में भी रवाना हुए। एचआरटीसी महासंघ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार ने कहा कि एचआरटीसी प्रबंधन की वजह से निगम घाटे में चल रहा है। इसके कारण सार्वजनिक नहीं किए जा रहे। वर्षों से लंबित कर्मचारियों की मांगों पर कोई गौर नहीं हो रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी तो आंदोलन और विकराल कर दिया जाएगा।
सीटू ने किया हड़ताल का समर्थन
सीटू ने भी एचआरटीसी कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया है। सीटू के जिलाध्यक्ष सर चंद ने कहा कि कर्मचारी अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। इस आंदोलन में सीटू भी उनके साथ है।
176 रूट हुए हैं प्रभावित : आरएम
आरएम रघुवीर सिंह ने कहा कि कुल्लू में कुल 176 रूट ठप रहे। इनमें अधिकतर स्थानीय रूट हैं। जहां आज बसें नहीं चल सकीं।
कुल्लू। एचआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल का कुल्लू में व्यापक असर देखने को मिला। कर्मचारियों के बंद के आह्वान के चलते कुल्लू और लाहौल-स्पीति के छोटे बडे़ सभी रूटों पर बसों की आवाजाही ठप रही। इस कारण आम जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
खासकर दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों टैक्सियों में महंगा सफर करना पड़ा। उधर, मांगों को लेकर कर्मचारी आज कुल्लू बस स्टैंड पर धरने पर बैठे। कर्मचारियों ने इस दौरान एचआरटीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बंद के आह्वान के चलते कुल्लू के कुल 176 रूटों पर बसें नहीं चल सकीं। वहीं, लाहौल घाटी के भी 56 रूटों पर आवागमन ठप रहा। लंबे रूटों की बसें बंद होने के कारण सैलानियों को निजी बसों में सफर करना पड़ा। जरूरी कार्यों से जाने वाले लोग भी निजी बसों में भी रवाना हुए। एचआरटीसी महासंघ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार ने कहा कि एचआरटीसी प्रबंधन की वजह से निगम घाटे में चल रहा है। इसके कारण सार्वजनिक नहीं किए जा रहे। वर्षों से लंबित कर्मचारियों की मांगों पर कोई गौर नहीं हो रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी तो आंदोलन और विकराल कर दिया जाएगा।
सीटू ने किया हड़ताल का समर्थन
सीटू ने भी एचआरटीसी कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया है। सीटू के जिलाध्यक्ष सर चंद ने कहा कि कर्मचारी अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। इस आंदोलन में सीटू भी उनके साथ है।
176 रूट हुए हैं प्रभावित : आरएम
आरएम रघुवीर सिंह ने कहा कि कुल्लू में कुल 176 रूट ठप रहे। इनमें अधिकतर स्थानीय रूट हैं। जहां आज बसें नहीं चल सकीं।