केलांग। ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी से भले ही घाटी का तापमान लुढ़क गया हो लेकिन सियासी हल्कों में नेताओं की सक्रियता से राजनीतिक गलियारों में पारा उफान पर है। दोनाें प्रमुख राजनीतिक दलों में टिकट को लेकरलाबिंग अभी से तेज हो गई है। कांग्रेस खेमे से लाहौल स्पीति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र कारपा ने टिकट के लिए अपनी दावेदार पेश कर पार्टी के दिग्गजों की परेशानी बढ़ी दी है। 2007 विधानसभा चुनाव के दौरान उनका नाम टिकट के प्रमुख दावेदारों के पैनल में शामिल रहा है। लेकिन इस बार यूथ कांग्रेस का पूरा समर्थन होने का दावा कर रहे राजेंद्र कारपा अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि हाईकमान से आशीर्वाद मिला तो वह इस बार चुनावी दंगल में कूदने को तैयार हैं। बौद्ध बहुल स्पीति घाटी में मजबूत पैठ रखने वाले युकां के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वर्तमान डीसीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र कारपा ने बाकायदा अपना जनसंपर्क अभियान भी तेज कर दिया है। लाहौल में उदयपुर, पट्टन, तोद और चंद्रा घाटी का दौरा करने बाद अब वह स्पीति उपमंडल का दौरा करेंगे। तीस सालों से कांग्रेस पार्टी में अपनी सक्रिया भूमिका निभाते आ रहे कारपा कुल्लू महाविद्यालय में एससीए चुनाव में एनएसयूआई की पहली पैनल तैयार करने वाले पहले एनएसयूआई नेता रहे हैं। कारपा इससे पूर्व जिला यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और जिप सदस्य भी रह चुके हैं। शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि लाहौल के उदयपुर में स्थित मृकुला देवी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह के माध्यम से मामला पुरातत्व विभाग के सामने उठाया है। भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक को घेरते हुए कहा कि स्पीति घाटी में सरकारी व्यवस्था चरमरा गई है। कहा कि हाई कमान के आदेशों का पालन किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ लाहौल स्पीति यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक ठाकुर, युकां के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश कारदो, महासचिव दोरजे टशक्यांगपा, वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता दोरजे मौजूद रहे।