कुल्लू। देवदार की शीतल छांव के पीछे पनप रहे नशे के गरम धंधे पर पुलिस ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। घाटी की ऊंची पहाड़ियों पर लहलहाती अफीम की खेती के लिए अब संबंधित विभाग के कर्मचारी भी जिम्मेवार माने जाएंगे। यही नहीं इनके खिलाफ पुलिस मामला भी दर्ज करेगी। निजी भूमि पर अगर अफीम की खेती मिलती है तो संबंधित पटवारी और जंगल में अफीम की फसल मिलने पर वन विभाग के फारेस्ट गार्ड पर केस दर्ज होगा। एसपी कुल्लू अशोक कुमार ने इसकी पुष्टी की है। उन्होंने कहा कि समाज और जनहित में यह कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है। अब डिमार्केशन का इंतजार है।
कुल्लू में पुलिस ने अफीम की खेती नष्ट करने के लिए जोरदार अभियान छेड़ रखा है। पुलिस ने अब तक अज्ञात लोगों के खिलाफ इस संबंध में करीब 21 मामले दर्ज कर अफीम के 145747 पौधे नष्ट किए हैं।
अफीम की खेती या तो घने जंगलों में या फिर किसी खाली जमीन पर की जाती है। पुलिस की छापेमारी के समय इस भूमि का कोई मालिक सामने नहीं आता। इस वजह से नशे की खेती करने वाले अक्सर पुलिस के चंगुल में नहीं आ पाते। लेकिन पुलिस की नई योजना नशा माफिया पर भारी पड़ने वाली है।
एसपी कुल्लू अशोक कुमार ने बताया कि अफीम की खेती पर लगाम लगाने के लिए अब पुलिस ने नशे का कारोबार करने वाले व्यक्ति के साथ सरकारी कर्मचारियों पर भी केस बनाने की योजना तैयार की है। यदि अफीम की खेती निजी भूमि पर पाई जाती है तो संबंधित पटवारी पर मामला दर्ज होगा। कहा कि पटवारी की जिम्मेवारी बनती है कि वह इसकी सूचना पुलिस या जिला प्रशासन को दे। यदि अफीम की खेती वन भूमि पर पाई जाती है तो संबंधित फारेस्ट गार्ड के खिलाफ केस होगा। डिमार्केशन होने के बाद विभाग अपनी मुहिम में जुट जाएगा। इस मुहिम से अफीम की खेती पर अंकुश लगेगा तथा विभागों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
विदेशी पर्यटकों को भी करेंगे जागरूक
एसपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने नशे के प्रति विदेशी पर्यटकों को जागरूक करने के लिए भी मुहिम शुरू की है। इसके तहत उन्हीं की भाषाओं में पंपलेट छपवाकर विदेशियों को नशे के बुरे प्रभावों और देश के कानूनों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
कुल्लू। देवदार की शीतल छांव के पीछे पनप रहे नशे के गरम धंधे पर पुलिस ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। घाटी की ऊंची पहाड़ियों पर लहलहाती अफीम की खेती के लिए अब संबंधित विभाग के कर्मचारी भी जिम्मेवार माने जाएंगे। यही नहीं इनके खिलाफ पुलिस मामला भी दर्ज करेगी। निजी भूमि पर अगर अफीम की खेती मिलती है तो संबंधित पटवारी और जंगल में अफीम की फसल मिलने पर वन विभाग के फारेस्ट गार्ड पर केस दर्ज होगा। एसपी कुल्लू अशोक कुमार ने इसकी पुष्टी की है। उन्होंने कहा कि समाज और जनहित में यह कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है। अब डिमार्केशन का इंतजार है।
कुल्लू में पुलिस ने अफीम की खेती नष्ट करने के लिए जोरदार अभियान छेड़ रखा है। पुलिस ने अब तक अज्ञात लोगों के खिलाफ इस संबंध में करीब 21 मामले दर्ज कर अफीम के 145747 पौधे नष्ट किए हैं।
अफीम की खेती या तो घने जंगलों में या फिर किसी खाली जमीन पर की जाती है। पुलिस की छापेमारी के समय इस भूमि का कोई मालिक सामने नहीं आता। इस वजह से नशे की खेती करने वाले अक्सर पुलिस के चंगुल में नहीं आ पाते। लेकिन पुलिस की नई योजना नशा माफिया पर भारी पड़ने वाली है।
एसपी कुल्लू अशोक कुमार ने बताया कि अफीम की खेती पर लगाम लगाने के लिए अब पुलिस ने नशे का कारोबार करने वाले व्यक्ति के साथ सरकारी कर्मचारियों पर भी केस बनाने की योजना तैयार की है। यदि अफीम की खेती निजी भूमि पर पाई जाती है तो संबंधित पटवारी पर मामला दर्ज होगा। कहा कि पटवारी की जिम्मेवारी बनती है कि वह इसकी सूचना पुलिस या जिला प्रशासन को दे। यदि अफीम की खेती वन भूमि पर पाई जाती है तो संबंधित फारेस्ट गार्ड के खिलाफ केस होगा। डिमार्केशन होने के बाद विभाग अपनी मुहिम में जुट जाएगा। इस मुहिम से अफीम की खेती पर अंकुश लगेगा तथा विभागों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
विदेशी पर्यटकों को भी करेंगे जागरूक
एसपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने नशे के प्रति विदेशी पर्यटकों को जागरूक करने के लिए भी मुहिम शुरू की है। इसके तहत उन्हीं की भाषाओं में पंपलेट छपवाकर विदेशियों को नशे के बुरे प्रभावों और देश के कानूनों के बारे में जानकारी दी जा रही है।