बंजार (कुल्लू)। बंजार घाटी की उंची चोटियों पर पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी बूटियां इन दिनों वन माफिया के निशाने पर आ गई हैं। बड़े मगरमच्छ कानून से बचने के लिए घाटी केभोले-भाले लोगों का चार पैसे का लालच देकर जंगलों की ओर रवाना करने लगे हैं। नियम कानून से अनभिज्ञ ग्रामीण बहकावे में आकर भारी संख्या में नागछतरी समेत अन्य प्रतिबंधित जड़ी-बूटियों उखाड़ने में व्यस्त हो गए हैं।
कानूनी रोक के बाद नागछतरी जैसी जड़ी बूटियों की कीमत में और इजाफा हो गया है। अब आसानी से इसे दो से तीन हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाने लगा है। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका रेट एक लाख से ऊपर चला गया है। खास बात यह है कि यह सब वन विभाग की नाक के नीचे हो रहा है। लेकिन जाने विभाग किसके दबाव के तहत जानकर भी अनजान बना हुआ है। इस संबंध में अभी तक बंजार में एक भी शख्स पर मामला दर्ज नहीं हो पाया है। बंजार के डीएफओ बीएस यादव का कहना है कि तस्करी रोकने को सभी वनरक्षकों को अपने क्षेत्र पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश जारी किए गए हैं। एसपी अशोक कुमार कहते हैं कि पुलिस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। तस्करी रोकने को बजौरा में सीसीटीवी कैमरा स्थापित किया गया है।