कुल्लू। प्रदेश सरकार किसानों को फसलों के विविधीकरण और नकदी फसलें उगाने के लिए प्रेरित करके उनकी आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में कृषि विभाग और उद्यान विभाग के माध्यम से किसानों व बागवानों के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। इन्हीं योजनाओं के कारण कुल्लू जिले के किसान-बागवान नकदी फसलें उगाने के लिए प्रेरित हुए हैं। इससे किसानों की आर्थिकी मजबूत हुई है। कुल्लू के कई किसान लहसुन की खेती कर रहे हैं और अब लहसुन जिले की मुख्य नकदी फसलों में शुमार हो चुकी है।
कुल्लू शहर से सटे बदाह क्षेत्र के राम सिंह, ग्राम पंचायत मौहल के गांव जौली के भाग चंद, मौहल के हरिराम और जिले के कई अन्य किसानों के खेतों में प्रतिवर्ष लहलहाती लहसुन की फसल उनकी आय का मुख्य साधन बन चुकी है। बदाह के 74 वर्षीय किसान राम सिंह का कहना है कि वह बचपन से ही खेतीबाड़ी से जुड़े हैं। वह अकसर गेहूं व अनाज की अन्य फसलें ही उगाते थे। कृषि विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों की प्रेरणा से उन्होंने लहसुन की खेती शुरू की। सिंचाई सुविधा के लिए उन्हें विभाग की ओर से उपदान मिला। उन्होंने एक बड़े टैंक का निर्माण भी किया। लहसुन की पैदावार से उन्हें हर वर्ष लाखों की आय हो रही है। पिछले सीजन में उन्होंने लगभग 70 क्विंटल लहसुन पैदा किया। उन्हें तीन लाख रुपये से अधिक की आय हुई। राम सिंह ने बताया कि उनका अधिकतर लहसुन घर में ही बिक जाता है और कई बार वह पास ही भुंतर की सब्जी मंडी में भी इसे बेच देते हैं।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत मौहल के गांव जौली के भाग चंद भी लहसुन उगाकर हर वर्ष काफी अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। कृषि विभाग की प्रेरणा से वह फसल विविधीकरण का काफी अच्छा प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने लहसुन के खेतों में ही टमाटर भी लगाया है। लहसुन निकालने के तुरंत बाद उन्हीं खेतों में टमाटर की फसल भी लहलहाने लगेगी। इसी तरह गांव मौहल के हरिराम बताते हैं कि उन्होंने भी फसल विविधीकरण को अपनाकर लहसुन की खेती आरंभ की और वह हर साल 60-70 हजार रुपये का लहसुन बेच रहे हैं। इस प्रकार लहसुन की खेती से कुल्लू जिले के कई किसानों की आर्थिकी मजबूत हो रही है।
कुल्लू। प्रदेश सरकार किसानों को फसलों के विविधीकरण और नकदी फसलें उगाने के लिए प्रेरित करके उनकी आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में कृषि विभाग और उद्यान विभाग के माध्यम से किसानों व बागवानों के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। इन्हीं योजनाओं के कारण कुल्लू जिले के किसान-बागवान नकदी फसलें उगाने के लिए प्रेरित हुए हैं। इससे किसानों की आर्थिकी मजबूत हुई है। कुल्लू के कई किसान लहसुन की खेती कर रहे हैं और अब लहसुन जिले की मुख्य नकदी फसलों में शुमार हो चुकी है।
कुल्लू शहर से सटे बदाह क्षेत्र के राम सिंह, ग्राम पंचायत मौहल के गांव जौली के भाग चंद, मौहल के हरिराम और जिले के कई अन्य किसानों के खेतों में प्रतिवर्ष लहलहाती लहसुन की फसल उनकी आय का मुख्य साधन बन चुकी है। बदाह के 74 वर्षीय किसान राम सिंह का कहना है कि वह बचपन से ही खेतीबाड़ी से जुड़े हैं। वह अकसर गेहूं व अनाज की अन्य फसलें ही उगाते थे। कृषि विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों की प्रेरणा से उन्होंने लहसुन की खेती शुरू की। सिंचाई सुविधा के लिए उन्हें विभाग की ओर से उपदान मिला। उन्होंने एक बड़े टैंक का निर्माण भी किया। लहसुन की पैदावार से उन्हें हर वर्ष लाखों की आय हो रही है। पिछले सीजन में उन्होंने लगभग 70 क्विंटल लहसुन पैदा किया। उन्हें तीन लाख रुपये से अधिक की आय हुई। राम सिंह ने बताया कि उनका अधिकतर लहसुन घर में ही बिक जाता है और कई बार वह पास ही भुंतर की सब्जी मंडी में भी इसे बेच देते हैं।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत मौहल के गांव जौली के भाग चंद भी लहसुन उगाकर हर वर्ष काफी अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। कृषि विभाग की प्रेरणा से वह फसल विविधीकरण का काफी अच्छा प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने लहसुन के खेतों में ही टमाटर भी लगाया है। लहसुन निकालने के तुरंत बाद उन्हीं खेतों में टमाटर की फसल भी लहलहाने लगेगी। इसी तरह गांव मौहल के हरिराम बताते हैं कि उन्होंने भी फसल विविधीकरण को अपनाकर लहसुन की खेती आरंभ की और वह हर साल 60-70 हजार रुपये का लहसुन बेच रहे हैं। इस प्रकार लहसुन की खेती से कुल्लू जिले के कई किसानों की आर्थिकी मजबूत हो रही है।