काजा (लाहौल-स्पीति)। चुनावी साल में मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे स्पीति उपमंडल के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। घाटी में करीब एक माह से रसोई गैस और केरोसिन ऑयल की भारी किल्लत चल रही है। जनता के पास चूल्हा जलाने के लिए तेल और खाना पकाने के लिए सिलेंडर नहीं है। मौके को भांपते हुए विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए भाजपा सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक को घेरा है।
जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रपतन बौद्ध ने कहा कि भाजपा को चुनावी साल में भी जनता के दुख तकलीफों की फिक्र नहीं है। बौद्ध ने कहा घाटी में एक महीने से रसोई गैस और मिट्टी तेल न मिलने से लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि पूरी सर्दी लोगाें को बिना सिलेंडर के रहना पड़ा है। लेकिन दुख की बात यह है कि सड़क मार्ग बहाल होने के बाद भी स्पीति घाटी के लोगों को समय पर घरेलू रसोई गैस के सिलेंडर नहीं मिल रहे।
उन्होंने कहा कि स्पीति घाटी का 99 फीसदी भू-भाग वन रहित है। यहां लोगों को बालन लकड़ी मिलना बेहद मुश्किल है। इसके बावजूद रसोई गैस और मिट्टी तेल की सरकारी वितरण प्रणाली की हालत बदतर है। काजा प्रशासन और राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए उन्होंने कहा सिलेंडर और केरोसिन तेल की व्यवस्था जल्द नहीं की तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिल कर आंदोलन करने को मजबूर होगी। उधर काजा के कार्यकारी अतिरिक्त उपायुक्त एवं एसडीएम हिमिस नेगी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही घाटी में सिलेंडरों की आपूर्ति की गई है। इस बीच जिन लोगों को एलपीजी उपलब्ध नहीं हो पाई है उन लोगाें को प्राथमिकता के आधार पर जल्द सप्लाई दी जाएगी।
काजा (लाहौल-स्पीति)। चुनावी साल में मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे स्पीति उपमंडल के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। घाटी में करीब एक माह से रसोई गैस और केरोसिन ऑयल की भारी किल्लत चल रही है। जनता के पास चूल्हा जलाने के लिए तेल और खाना पकाने के लिए सिलेंडर नहीं है। मौके को भांपते हुए विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए भाजपा सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक को घेरा है।
जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रपतन बौद्ध ने कहा कि भाजपा को चुनावी साल में भी जनता के दुख तकलीफों की फिक्र नहीं है। बौद्ध ने कहा घाटी में एक महीने से रसोई गैस और मिट्टी तेल न मिलने से लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि पूरी सर्दी लोगाें को बिना सिलेंडर के रहना पड़ा है। लेकिन दुख की बात यह है कि सड़क मार्ग बहाल होने के बाद भी स्पीति घाटी के लोगों को समय पर घरेलू रसोई गैस के सिलेंडर नहीं मिल रहे।
उन्होंने कहा कि स्पीति घाटी का 99 फीसदी भू-भाग वन रहित है। यहां लोगों को बालन लकड़ी मिलना बेहद मुश्किल है। इसके बावजूद रसोई गैस और मिट्टी तेल की सरकारी वितरण प्रणाली की हालत बदतर है। काजा प्रशासन और राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए उन्होंने कहा सिलेंडर और केरोसिन तेल की व्यवस्था जल्द नहीं की तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिल कर आंदोलन करने को मजबूर होगी। उधर काजा के कार्यकारी अतिरिक्त उपायुक्त एवं एसडीएम हिमिस नेगी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही घाटी में सिलेंडरों की आपूर्ति की गई है। इस बीच जिन लोगों को एलपीजी उपलब्ध नहीं हो पाई है उन लोगाें को प्राथमिकता के आधार पर जल्द सप्लाई दी जाएगी।