अमर उजाला ब्यूरो
कोकसर (लाहौल-स्पीति)। रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल होने के तुरंत बाद ही बीआरओ के कोकसर स्थित 94 आरसीसी के जवानों ने ग्रांफू-काजा मार्ग से बर्फ हटाने की मुहिम छेड़ दी है। बीआरओ की मशीन ने कोकसर से पांच किलोमीटर दूर ग्रांफू से बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया है।
बीआरओ ग्रांफू से छोटा दड़ा तक 32 किलोमीटर के टारगेट को जल्द पूरा करने में जुटा है। गत वर्ष कम बर्फबारी के चलते ग्रांफू-काजा मार्ग समय पर बहाल हो गया था। इस वर्ष घाटी में भारी बर्फबारी, मौसम की बेरुखी और 10 से 20 फीट ऊंची बर्फ की दीवार काटकर यातायात बहाल करना एक चुनौती रहेगा। इसके बावजूद बीआरओ के हौसले बुलंद है। कोकसर की टीम ग्रांफू से 32 किलोमीटर दूर छोटी और बड़ी डोहरनी से होते हुए छतडू पहुंचेगी। इसके बाद छोटादड़ा तक अभियान छेड़कर लोसर की टीम के साथ मिलकर सड़क को बहाल किया जाएगा। हालांकि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रोहतांग दर्रा भी देरी से खुला है। ऐसे में कुंजुम दर्रा के गत साल के मुकाबले एक माह देरी से खुलने के आसार है। 94 आरसीसी के ओसी मेजर हरीश ने बताया कि जवानों ने शून्य से नीचे तापमान में रोहतांग दर्रा को चुनाव तिथि से पहले बहाल कर दिया था। 22 मई से उनकी टीम ग्रांफू से सड़क से बर्फ हटाने का कार्य आरंभ कर चुकी है। कहा कि रोहतांग दर्रा की तरह ही काजा सड़क पर डोहरनी और छतडू के बीच कई नाले हैं, जिनमें भारी मात्रा में हिमखंड गिरे हैं। इन बर्फ के पहाड़ को काटना काफी बड़ी चुनौती है।