पालमपुर (कांगड़ा)। पालमपुर नगर परिषद के चार पार्षदों ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पार्षदों ने मुख्यमंत्री से विजिलेंस जांच करवाने की मांग की है। रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्षद हरिंद्र परवाना ने कहा कि यहां पर कार्यरत कार्यकारी अधिकारी अपनी मर्जी कर रहे हैं।
पालमपुर के विधायक प्रवीण शर्मा इसमें पूरा दोष नगर परिषद को दे रहे हैं। परिषद में सिर्फ कार्यकारी अधिकारी के कारण ही विकास कार्यों में अड़ंगा पैदा हो रहा है। परवाना ने कहा कि नगर परिषद ने पार्टी से उठकर सांसद शांता कुमार से भी विकास कार्यों के लिए धन लिया है और शांता कुमार से नंदन पार्क के लिए भी उचित बजट मिला। जिसके वह आभारी हैं। उन्होंने कहा कि शांता कुमार ने आग्रह किया था कि इस पार्क का कार्य किसी एक ठेकेदार को दिया जाए जो कि इसमें निपुण हो लेकिन कार्यकारी अधिकारी ने पार्षदों को विश्वास में न लेकर खुद ही इसके दो टेंडर निकाल दिए। परवाना ने कहा कि विधायक निधि से जो भी धन आया है उस पर भी अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ जो भी कार्य हो रहा है उस पर किसी न किसी तरह से दिक्कतें खड़ी करने में अधिकारी अपना हक समझते हैं। उन्होंने कार्यकारी अधिकारी पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाए हैं। इस मौके पर पार्षद हरिन्द्र परवाना, रीटा जंवाल, सुमन व सुदेश सूद मौजूद थीं। सभी ने मिलकर मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से कार्यकारी अधिकारी की विजिलेंस से जांच करवाकर कड़ी कार्रवाई की मांग की की।
मुझ पर लगाए आरोप निराधार : चमन लाल
इस बारे में ईओ चमन लाल ने कहा कि उन पर लगाए सारे आरोप निराधार हैं। चंद एक पार्षद अपने तरीके से कार्य करवाने का दबाव उन पर डाल रहे हैं लेकिन यहां पर सभी कार्य पार्षदों की सहमति से हो रहे हैं। उनके खिलाफ राजनीति की जा रही है।