नूरपुर (कांगड़ा)। मछली प्रजनन सीजन शुरू होने पर प्रदेश मत्स्य पालन विभाग ने 01 जून से मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश की तीन प्रमुख झीलों गोविंद सागर झील (बिलासपुर), पौंग झील (कांगड़ा) तथा चमेरा झील (चंबा ) समेत प्रदेश के नदी, नालों तालाबों तथा खड्डों में पहली जून से लेकर 31 जुलाई तक मत्स्य अखेट पर पाबंदी लगा दी है।
करीब दो महीने प्रदेश में आने वाले पर्यटकों व मछली के शौकीनों को मछली नहीं मिलेगी। यह प्रतिबंध प्रदेश के ठंडे पानी में पैदा होने वाली ट्राउट मछली को छोड़ बाकी सभी मछलियों पर लगा है। विभाग के अनुसार प्रदेश सरकार मछली का उत्पादन बढ़ाने के लिए मछली प्रजनन सीजन में मत्सय आखेट बंद करती है। इन झीलों में रजिस्टर्ड 5 हजार मछुआरों में से पात्र परिवारों को मत्सय आखेट बंद होने पर राहत भत्ता भी दिया जाता है। इस दौरान विभाग मछली का शिकार करने वालों पर भी पैनी नजर रखेगा। मछली उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए प्रदेश की प्रमुख तीन झीलों में मछली का बीज भी डाला जाएगा। इस बारे में मत्स्य निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य विभाग गुरचरण सिंह ने बताया कि प्रदेश में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए मत्स्य प्रजनन सीजन के दौरान प्रदेश की तीन प्रमुख झीलों में मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने बताया कि यह प्रतिबंध एक जून से 31 जुलाई तक रहेगा।