धर्मशाला। शौर्य चक्र विजेता धर्मशाला के चीलगाड़ी निवासी हवलदार राजन बुराथोकी पहली बटालियन पैरा मिलिट्री फोर्स के सम्मान में गोरखा समुदाय ने वीरवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया।
इस मौके पर गोरखा समुदाय के प्रधान रोबिन गुरंग, उपप्रधान विजय प्रधान, अरुण कुमार, नगर परिषद पार्षद सवित्री गुरंग, बीना गुरंग, उमा ठाकुर, जगदीश प्रधान, सुधीर छेतरी और ओत मगन गुरंग ने हवलदार राजन बुराथोकी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। राजन बुराथोकी के पिता विजय बुराथोकी ने बताया कि राजन 2009 को जम्मू कश्मीर के शेपियन जिले में लांस हवलदार के रूप में तैनात था। 26 अक्तूबर 2009 को जब सेना को पता चला कि जिले में दो आतंकवादी छिपे हैं। इस दौरान राजन और उनकी टीम ने आतंकवादियों के ठिकाने ढूंढ निकाले और ठिकाने के मुख्य द्वार पर आईईडी रख दिया। जब आईईडी का ब्लास्ट हुआ तो आतंकवादियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में राजन ने एक आतंकवादी को मार गिराया। लेकिन दूसरा आतंकवादी गोलियां चलाता रहा। राजन ने अपनी असाधारण वीरता और कर्तव्य से ऊपर उठकर उत्कृष्ट शक्ति का प्रदर्शन करते हुए दूसरे आतंकवादी को भी मार गिराया। दो आतंकवादियों को मारने और असाधारण वीरता के लिए 18 अप्रैल 2011 को राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने हवलदार राजन बुराथोकी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। वहीं राजन की माता सुरेश बुराथोकी और पत्नी सुशांत बुराथोकी ने बताया कि राजन ने अपनी वीरता और साहस से धर्मशाला का नाम रोशन किया है।