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हमीरपुर। निजी क्लीनिकों में दवाइयों के मनमाफिक दाम वसूले जा रहे हैं। इन पर किसी की लगाम नहीं। ऐसा ही वाक्या एक युवक के साथ हुआ। यह शाम करीब साढ़े छह बजे कलंझड़ी में एक निजी क्लीनिक पहुंचा। युवक को जुकाम की शिकायत थी। युवक ने सर्दी-जुकाम की खुराक मांगी। डाक्टर साहब तीन खुराकें युवक को देते हैं। दवाई की खुराक थमाते डाक्टर साहब बोले, पचास रुपये। युवक ने डाक्टर को पैसे थमा दिए। उसने देखा कि एक दवाई में एक कैप्सूल खराब है। कैप्सूल के अंदर फफूंद सी जमने लगी है। इसके लिए उसने डाक्टर को दवाई के बारे में पूछा तो डाक्टर अडियल अंदाज में बोले, मैने थोड़े पैक किया है। जैसे कंपन्नी से आया है, वैसे मैने दे दिया। युवक ने डाक्टर से बिल मांगा लेकिन बिल नहीं दिया गया। काफी बहसबाजी के बाद डाक्टर साहब एस्टीमेट स्लिप देने को तैयार हुए।
निजी क्लीनिकों की ओर से दवाइयों के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। यहां तक कि एक्सपायरी दवाइयों को बेचने के लिए नायाब तरीका निकाला है। दवाइयों को पैकेट से निकालकर एक कागज के टुकड़े में रैप कर दिया जा रहा है। ऐसे में निजी क्लीनिकों में डाक्टर सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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निजी क्लीनिकों में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर अनिवार्य
निजी क्लीनिकों में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर का होना अनिवार्य है। इसमें डाक्टर प्रत्येक मरीज को दी जानी वाली दवाइयों की डिटेल अंकित करता है। यदि किसी क्लीनिक में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर नहीं पाया जाता है तो संबंधित डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाती है।
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क्या कहते हैं ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग इंस्पेक्टर लवली ठाकुर का कहना है कि निजी क्लीनिकों में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कस्बे निजी क्लीनिकों की ओर से दवाइयों के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं तो संबंधित डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हमीरपुर। निजी क्लीनिकों में दवाइयों के मनमाफिक दाम वसूले जा रहे हैं। इन पर किसी की लगाम नहीं। ऐसा ही वाक्या एक युवक के साथ हुआ। यह शाम करीब साढ़े छह बजे कलंझड़ी में एक निजी क्लीनिक पहुंचा। युवक को जुकाम की शिकायत थी। युवक ने सर्दी-जुकाम की खुराक मांगी। डाक्टर साहब तीन खुराकें युवक को देते हैं। दवाई की खुराक थमाते डाक्टर साहब बोले, पचास रुपये। युवक ने डाक्टर को पैसे थमा दिए। उसने देखा कि एक दवाई में एक कैप्सूल खराब है। कैप्सूल के अंदर फफूंद सी जमने लगी है। इसके लिए उसने डाक्टर को दवाई के बारे में पूछा तो डाक्टर अडियल अंदाज में बोले, मैने थोड़े पैक किया है। जैसे कंपन्नी से आया है, वैसे मैने दे दिया। युवक ने डाक्टर से बिल मांगा लेकिन बिल नहीं दिया गया। काफी बहसबाजी के बाद डाक्टर साहब एस्टीमेट स्लिप देने को तैयार हुए।
निजी क्लीनिकों की ओर से दवाइयों के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। यहां तक कि एक्सपायरी दवाइयों को बेचने के लिए नायाब तरीका निकाला है। दवाइयों को पैकेट से निकालकर एक कागज के टुकड़े में रैप कर दिया जा रहा है। ऐसे में निजी क्लीनिकों में डाक्टर सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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निजी क्लीनिकों में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर अनिवार्य
निजी क्लीनिकों में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर का होना अनिवार्य है। इसमें डाक्टर प्रत्येक मरीज को दी जानी वाली दवाइयों की डिटेल अंकित करता है। यदि किसी क्लीनिक में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर नहीं पाया जाता है तो संबंधित डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाती है।
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क्या कहते हैं ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग इंस्पेक्टर लवली ठाकुर का कहना है कि निजी क्लीनिकों में प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कस्बे निजी क्लीनिकों की ओर से दवाइयों के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं तो संबंधित डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।