चंबा। डलहौजी उपमंडल में पानी की समस्या के हल के लिए आईपीएच विभाग एक करोड़ रुपये खर्च करेगा। डलहौजी और आसपास के लोगों के लिए पर्याप्त पानी मुहैया करवाने के लिए रिसोर्स लेवल पेयजल योजना तैयार की जाएगी है। इस योजना के तहत रावी नदी से पानी लिफ्ट किया जाएगा। योजना तैयार होने के बाद डलहौजी, बनीखेत, ककीरा और आसपास के इलाकों के हजारों लोगों की पेयजल समस्या हल हो जाएगी। योजना के तहत एक बड़े टैंक का निर्माण करवाया जाएगा। रावी से पानी लिफ्ट कर इस टैंक के माध्यम से तमाम छोटे बड़े रिसोर्स तक पहुंचाया जाएगा।
गौरतलब है कि बनीखेत और डलहौजी में गर्मियों के दिनों में पेयजल किल्लत पैदा हो जाती है। कई बार तो एक-एक सप्ताह तक पानी नहीं आता है। शहरी परिवेश होने के कारण लोगाें को बोतल बंद पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। विभाग के अनुसार योजना की डीपीआर को स्वीकृति के लिए शिमला भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम को शुरू कर दिया जाएगा। आईपीएच विभाग के एसई एनडी वैद्य ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग बनीखेत के लिए रिसोर्स लेवल पेयजल योजना बना रहा है। योजना के बन जाने के बाद तमाम रिसोर्स में पानी आवश्यकता से ज्यादा रहेगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर शिमला भेज दी गई है। इस योजना पर एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
चंबा। डलहौजी उपमंडल में पानी की समस्या के हल के लिए आईपीएच विभाग एक करोड़ रुपये खर्च करेगा। डलहौजी और आसपास के लोगों के लिए पर्याप्त पानी मुहैया करवाने के लिए रिसोर्स लेवल पेयजल योजना तैयार की जाएगी है। इस योजना के तहत रावी नदी से पानी लिफ्ट किया जाएगा। योजना तैयार होने के बाद डलहौजी, बनीखेत, ककीरा और आसपास के इलाकों के हजारों लोगों की पेयजल समस्या हल हो जाएगी। योजना के तहत एक बड़े टैंक का निर्माण करवाया जाएगा। रावी से पानी लिफ्ट कर इस टैंक के माध्यम से तमाम छोटे बड़े रिसोर्स तक पहुंचाया जाएगा।
गौरतलब है कि बनीखेत और डलहौजी में गर्मियों के दिनों में पेयजल किल्लत पैदा हो जाती है। कई बार तो एक-एक सप्ताह तक पानी नहीं आता है। शहरी परिवेश होने के कारण लोगाें को बोतल बंद पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। विभाग के अनुसार योजना की डीपीआर को स्वीकृति के लिए शिमला भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम को शुरू कर दिया जाएगा। आईपीएच विभाग के एसई एनडी वैद्य ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग बनीखेत के लिए रिसोर्स लेवल पेयजल योजना बना रहा है। योजना के बन जाने के बाद तमाम रिसोर्स में पानी आवश्यकता से ज्यादा रहेगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर शिमला भेज दी गई है। इस योजना पर एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।