चंबा। चालकों और परिचालकों के आठ घंटे काम करने के फैसले से तीसरे दिन भी लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतें पेश आईं। आठ घंटे पूरे कर चुके चालकों और परिचालकों ने अपनी सेवाएं नहीं दी। इस कारण एक दर्जन के करीब रूटों पर निगम की बसें नहीं चल र्पाइं। शुक्रवार को भी हालत यह रही कि बसों में चालक बैठे तो परिचालक न होने के कारण बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच र्पाइं। सबसे ज्यादा परेशानी लोकल रूटों पर जाने वाली सवारियों को पेश आई। सवारियां बस स्टैंड में ही खड़े होकर बसों का इंतजार करती रहीं। चालक और परिचालकों के आठ घंटे पूरे होने के कारण लोगों को पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। कुछेक सवारियों को शुक्रवार को निजी वाहन हायर कर भी अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। यूनियन और प्रबंधन की इस लड़ाई में ग्रामीण इलाकों की सवारियों को काफी परेशानी हो रही है। जिले के अन्य ब्लाकों को जाने वाले लोगों को भी अपने रिश्तेदारों के पास ही ठहरना पड़ा। निगम के शुक्रवार को चंबा-क्रूर, चंबा छतराड़ी, चंबा-कुंडी, चंबा-जुम्महार, चंबा-सिल्लाघ्राट, चंबा-सिढंकुंड, चंबा-सुनारा, चबा-हिमगिरी, चंबा-साहो रूटों पर निगम की बसें नहीं पहुंच पाई। हिमाचल प्रदेश परिवहन मजदूर संघ के प्रधान सरवन ने कहा कि एक दर्जन के करीब रूटों पर निगम की बसें नहीं पहुंच पाई। उन्होंने कहा कि बसें चालक और परिचालकों के निर्धारित घंटे पूरे हो जाने के कारण नहीं चल पाई। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ही यूनियन की मांग को मान लेना चाहिए। आरएस चंबा विजय कुमार सिपहिया ने कहा कि चालकों और परिचालकों का ड्यूटी टाइम पूरा हो जाने के कारण बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाईं।