चंबा। एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों के आठ घंटे के बाद ड्यूटी न देने के फैसले से निगम के डेढ़ दर्जन के करीब रूट प्रभावित हुए हैं। चालक और परिचालकों ने आठ घंटे पूरे होने के बाद इन रूटों पर अपनी सेवाएं नहीं दी। बस स्टैंड में बस में चालक बैठे तो परिचालक अपने आठ घंटे पूरे कर जा चुका था। इस कारण छह बजे तक दस के करीब रूटों पर निगम की बसें नहीं पहुंच पाई। शाम छह बजे के बाद भी अधिकांश रूट मिस रहे। कर्मचारियों के आठ घंटे काम करने के फैसले से निगम को तगड़ा झटका लगा है। निगम को पहले दिन रूट मिस रहने पर 25 हजार के करीब घाटा हुआ था, वीरवार को निगम के डेढ़ दर्जन के करीब रूट बंद रहने से निगम का घाटा दोगुना हो गया। चालकों और परिचालकों की कमी के कारण निगम की बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाईं।
यात्री बसों में बैठकर इंतजार करते रहे पर चालक और परिचालकों का ड्यूटी समय खत्म हो जाने के कारण यात्रियों को निजी वाहन हायर कर गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। लांग रूट जाने वाले यात्रियों को भी चंबा में ही रात बितानी पड़ी। प्रदेश परिवहन मजदूर संघ के जिला प्रधान सरवन ने कहा कि डेढ़ दर्जन के करीब रूटों पर निगम की बसें नहीं पहुंच पाई। उन्होंने कहा कि इससे निगम का घाटा दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि शाम के समय आठ घंटे ड्यूटी पूरी होने के कारण चालक बस में चालक था तो परिचालक नहीं मिल पाया। इस कारण भी बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई हैं।
आरएम चंबा विजय कुमार सिपहिया ने कहा कि कर्मचारियों के सख्त रवैये से रूट प्रभावित हो रहे हैं। इससे होने वाले घाटे को काउंट किया जा रहा है।
ये रूट हुए प्रभावित
निगम से मिली जानकारी के अनुसार चंबा-हिमगिरी, चंबा-साहो, चंबा-जुम्महार, चंबा-गागला, चंबा-छतराड़ी, चंबा-चंलूज, चंबा तेरला, चंबा-किलाड़ और चंबा-सिढ़कुंड बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाईं।
मांगें न मानीं तो उग्र होगा आंदोलन
एचआरटीसी कर्मियों ने की गेट मीटिंग
अमर उजाला ब्यूरो
चंबा। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम चंबा ने कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के आह्वान पर बैठक का आयोजन किया। बैठक में प्रदेश सरकार और निगम प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने नारेबाजी भी की। कर्मचारी नेताओं ने सरकार और निगम प्रबंधन पर कर्मचारियों की बार-बार अनदेखी करने पर आपत्ति जताई। वहीं, समिति की ओर से लिए गए निर्णय पर 4 जून तक वर्क टू रूल्स कार्य करने और पांच जून को 24 घंटे चक्क जाम रखने पर अडिग रहने का फैसला लिया। गेट मीटिंग को कर्मचारी नेताओं सरवण कुमार, चमन सिंह, पवन कुमार, विशन दत्त, कुलदीप कुमार और अशोक पुरोहित ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कर्मचारियों की सभी मांगों को नहीं माना गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन को उग्र कर दिया जाएगा।
चंबा। एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों के आठ घंटे के बाद ड्यूटी न देने के फैसले से निगम के डेढ़ दर्जन के करीब रूट प्रभावित हुए हैं। चालक और परिचालकों ने आठ घंटे पूरे होने के बाद इन रूटों पर अपनी सेवाएं नहीं दी। बस स्टैंड में बस में चालक बैठे तो परिचालक अपने आठ घंटे पूरे कर जा चुका था। इस कारण छह बजे तक दस के करीब रूटों पर निगम की बसें नहीं पहुंच पाई। शाम छह बजे के बाद भी अधिकांश रूट मिस रहे। कर्मचारियों के आठ घंटे काम करने के फैसले से निगम को तगड़ा झटका लगा है। निगम को पहले दिन रूट मिस रहने पर 25 हजार के करीब घाटा हुआ था, वीरवार को निगम के डेढ़ दर्जन के करीब रूट बंद रहने से निगम का घाटा दोगुना हो गया। चालकों और परिचालकों की कमी के कारण निगम की बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाईं।
यात्री बसों में बैठकर इंतजार करते रहे पर चालक और परिचालकों का ड्यूटी समय खत्म हो जाने के कारण यात्रियों को निजी वाहन हायर कर गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। लांग रूट जाने वाले यात्रियों को भी चंबा में ही रात बितानी पड़ी। प्रदेश परिवहन मजदूर संघ के जिला प्रधान सरवन ने कहा कि डेढ़ दर्जन के करीब रूटों पर निगम की बसें नहीं पहुंच पाई। उन्होंने कहा कि इससे निगम का घाटा दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि शाम के समय आठ घंटे ड्यूटी पूरी होने के कारण चालक बस में चालक था तो परिचालक नहीं मिल पाया। इस कारण भी बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई हैं।
आरएम चंबा विजय कुमार सिपहिया ने कहा कि कर्मचारियों के सख्त रवैये से रूट प्रभावित हो रहे हैं। इससे होने वाले घाटे को काउंट किया जा रहा है।
ये रूट हुए प्रभावित
निगम से मिली जानकारी के अनुसार चंबा-हिमगिरी, चंबा-साहो, चंबा-जुम्महार, चंबा-गागला, चंबा-छतराड़ी, चंबा-चंलूज, चंबा तेरला, चंबा-किलाड़ और चंबा-सिढ़कुंड बसें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाईं।
मांगें न मानीं तो उग्र होगा आंदोलन
एचआरटीसी कर्मियों ने की गेट मीटिंग
अमर उजाला ब्यूरो
चंबा। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम चंबा ने कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के आह्वान पर बैठक का आयोजन किया। बैठक में प्रदेश सरकार और निगम प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने नारेबाजी भी की। कर्मचारी नेताओं ने सरकार और निगम प्रबंधन पर कर्मचारियों की बार-बार अनदेखी करने पर आपत्ति जताई। वहीं, समिति की ओर से लिए गए निर्णय पर 4 जून तक वर्क टू रूल्स कार्य करने और पांच जून को 24 घंटे चक्क जाम रखने पर अडिग रहने का फैसला लिया। गेट मीटिंग को कर्मचारी नेताओं सरवण कुमार, चमन सिंह, पवन कुमार, विशन दत्त, कुलदीप कुमार और अशोक पुरोहित ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कर्मचारियों की सभी मांगों को नहीं माना गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन को उग्र कर दिया जाएगा।