चंबा। मांगें पूरी न होने पर परिवहन कर्मी उग्र हो गए हैं। हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय एवं संघर्ष समिति के आह्वान पर निगम कर्मचारियों ने 5 जून को पूरे प्रदेश में एचआरटीसी की बसों के पहिये 24 घंटे के लिए जाम करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि 29 मई से 4 जून तक सभी कर्मचारी मात्र आठ घंटे ही सेवाएं देंगे। इसेे लेकर समिति ने पांच टीमों का गठन किया है। ये टीमें पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगी और कर्मचारियों को सेवाएं निश्चित समय में ही देने को लेकर जागरूक करेगी। यह जानकाी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने दी। इस संबंध में वीरवार को कर्मचारियों ने चंबा के बस स्टैंड पर नारेबाजी भी की। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में एचआरटीसी को रोडवेज का दर्जा देना, निजी रूट देने पर पूर्ण रोक लगाना, सभी प्रकार के वाहनों का अवैध संचालन रोकना, वर्षों से कार्य कर रहे बुकिंग एजेंटों, वाशर ब्वाय और पीस मील में कार्य कर रहे वर्करों को निगम में समायोजित करना शामिल हैं। इसके अलावा समिति ने मांग की है कि तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को पक्का किया जाए। इसके अलावा पेंशनरों और सेवारत कर्मचारियों के सभी देय वित्तीय लाभ तुरंत दिए जाएं। उन्होंने कहा कि चार वर्षों तक प्रदेश सरकार ने समिति की मांगों पर कोई गौर नहीं किया है। इस कारण परिवहन कर्मचारियों को हड़ताल का यह कठोर कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी में 3 हजार से ज्यादा पद ड्राइवर, परिचालक और मैकेनिकों के खाली पड़े हैं। सरकार को इस संबंध में सार्थक कदम उठाकर प्रदेश की जनता और परिवहन कर्मियों को राहत देनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि सरकार एचआरटीसी को रोडवेज का दर्जा देकर गांव के गरीब बेरोजगार युवाओं की भर्ती तुरंत सुनिश्चित करे। इस मौके पर कुलदीप कुमार, कृपाल पठानिया, राजकुमार, सोमेंद्र गुप्ता और अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।