चंबा। जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने के कारण गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है। हालत यह है कि गंभीर मामलों में सुरक्षित प्रसव करवाने के लिए मरीजों को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा और पठानकोट रेफर किया किया जा रहा है। इसके लिए जिला अस्पताल प्रशासन एंबुलेंस पर हर रोज हजारों रुपये खर्च कर रहा है। इस पद को भरने के लिए सीएमओ चंबा को भी अवगत करवा दिया है, मगर अभी तक गायनी विशेषज्ञ नहीं मिल पाया है। अस्पताल के सूत्रों की मानें तो अस्पताल से हर रोज ही दो से तीन महिलाओं को सुरक्षित प्रसव करवाने के लिए बड़े अस्पतालों मेें रेफर करना पड़ रहा है। पद खाली होने से सुरक्षित प्रसव के समय होने वाले आपरेशन के लिए बाहर से भी कोई चिकित्सक सेवाएं देने के लिए राजी नहीं है। चिकित्सक को आपरेशन करने पर 1500 रुपये प्रति आपरेशन के हिसाब से पेमेंट देने का प्रावधान भी अस्पताल प्रशासन ने कर रखा है। अस्पताल प्रशासन के बुलावे पर भी निजी चिकित्सक सेवाएं देने को तैयार नहीं हैं। पिछले दिनों दो गर्भवती महिलाओं की अस्पताल में मौत होने के बाद भी सरकार और विभाग इस पद को भरने में सक्रियता नहीं दिखा पाए हैं। बताया जा रहा था कि विभाग जल्द ही नए बैच में से नियुक्तियां करते समय चंबा की इस समस्या का समाधान कर देगा, मगर अभी तक इसके आसार नजर नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकतर चिकित्सक एमडी करने के बाद जुगाड़ लगाकर या तो मनमर्जी के स्टेशन पर चले जाते हैं या फिर निजी क्लीनिकों में मिलने मोटी रकम मिलने पर वहां चले जाते हैं। सरकार के बनाए नियम-कायदे महज मजाक बन कर रह जाते हैं। यही कारण है कि चंबा जैसे पिछड़े जिला में एक भी गायनी विशेषज्ञ मुहैया नहीं करवाया जा सका है।
इस संबंध में सीएमओ चंबा डा. राकेश वर्मा ने कहा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद भरने को लेकर आला अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही चिकित्सक की तैनाती कर दी जाएगी।