चंबा। चंबा में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर आधारित पांच दिवसीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक कार्यशाला का शुभारंभ अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इलेक्ट्रोहोम्यो पैथी चिकित्सक संजीव शर्मा ने किया। इस मौके पर संघ के प्रदेशाध्यक्ष डा. सुरेंद्र ठाकुर, महासचिव डा. रजनीश शर्मा, डा. सपना शर्मा, डा. सुनील चौहान, डा. अशोक भारद्वाज उपस्थित थे। वर्कशाप में देशभर के 60 के करीब चिकित्सकों को संबोधित करते हुए डा. शर्मा ने हिमालयन रेंज में पाए जाने वाली बहुमूल्य हर्बल की चिकित्सीय गुणों की जानकारी दी। उद्घाटन सत्र का शुभारंभ ओम ध्वनि के उच्चारण से किया। शर्मा ने बताया कि इस पद्धति के जन्मदाता डा. काउंट सीजर मैट्टी ने आध्यात्मिक तौर से भी बहुत उन्नति कर ली थी जो ओम शब्द के महत्व को भली भांति जानते थे। इससे शरीर के अंदर पोलर एनर्जी पैदा करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वन औषधियों में अद्भुत ऊर्जा विद्यमान रहती है। इन्हें इलेक्ट्रोहोम्यो पैथिक दवाओं में विशेष रूप से इस्तेमाल करके मानवीय शरीर को स्वस्थ रखने क क्षमता है। कार्यशाला में उपस्थित चिकित्सकों ने अपने अनुभवों को साझा किया और चंबा क्षेत्र की नैसर्गिक छटा की सराहना की। डा. शर्मा ने कहा कि जंगल टूअर में साहो-कीड़ी-लग्गा रेंज में पाई जाने वाली 20 से 25 इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक हर्बल का अवलोकन कराया जाएगा। 21 मई को मसरूंड रेंज का भ्रमण किया जाएगा। इस मौके पर रबिसन इंडिया के मार्केटिंग निदेशक डा. रेहानुल हुडा ने कार्यक्रम की जानकारी दी।