चंबा। टीम अन्ना के सदस्य गोपाल राय ने अन्ना के आंदोलन से जुड़े चंबा के लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर इनके साथ सहयोगी सदस्य सतीश शर्मा और हरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे। चंबा के सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में आंदोलन में सक्रिय लोगों के साथ भी विचार विमर्श किया गया। अन्ना टीम के सदस्य गोपाल राय ने कहा कि आंदोलन के दौरान लाखों लोग सड़कों पर उतरे और एक कानून की मांग की पर न तो संसद ने उनकी मांग सुनी और न ही जन प्रतिनिधि अपनी पार्टी से बाहर निकलकर जनता के साथ उतर सके। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या लोकतंत्र का यही स्वरूप है इसमें जनता की आवाज न पार्टी सुनती है न ही जन प्रतिनिधि। उन्होंने कहा कि जनता हर पांच साल बाद पार्टी को बदल कर सिंहासन सौंप देती है। स्थितियां आज भी वही हैं जो आज से 60 साल पहले थीं। उन्हाेंने कहा कि यह आंदोलन जनता ने किया था। अब भी जनता ही इसे संगठित रूप में चलाएगी। इसके लिए जिला स्तर और ब्लाक स्तर पर समाज के लिए काम करने के इच्छुक लोगों की समितियां बनाई जाएंगी।
चंबा। टीम अन्ना के सदस्य गोपाल राय ने अन्ना के आंदोलन से जुड़े चंबा के लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर इनके साथ सहयोगी सदस्य सतीश शर्मा और हरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे। चंबा के सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में आंदोलन में सक्रिय लोगों के साथ भी विचार विमर्श किया गया। अन्ना टीम के सदस्य गोपाल राय ने कहा कि आंदोलन के दौरान लाखों लोग सड़कों पर उतरे और एक कानून की मांग की पर न तो संसद ने उनकी मांग सुनी और न ही जन प्रतिनिधि अपनी पार्टी से बाहर निकलकर जनता के साथ उतर सके। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या लोकतंत्र का यही स्वरूप है इसमें जनता की आवाज न पार्टी सुनती है न ही जन प्रतिनिधि। उन्होंने कहा कि जनता हर पांच साल बाद पार्टी को बदल कर सिंहासन सौंप देती है। स्थितियां आज भी वही हैं जो आज से 60 साल पहले थीं। उन्हाेंने कहा कि यह आंदोलन जनता ने किया था। अब भी जनता ही इसे संगठित रूप में चलाएगी। इसके लिए जिला स्तर और ब्लाक स्तर पर समाज के लिए काम करने के इच्छुक लोगों की समितियां बनाई जाएंगी।