भरमौर (चंबा)। भरमौर में उपमंडल को प्रकृति ने सुंदरता की दृष्टि से काफी निखारा है। इस कारण देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं, लेकिन उपमंडल में पर्यटन सुविधाओं का अभाव होने के कारण पर्यटकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस कारण अधिकतर श्रद्धालु और पर्यटक चंबा से ही वापस अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। भरमौर में सातवीं और ग्यारहवीं शताब्दी के कई प्राचीन मंदिर हैं। एक साथ चौरासी मंदिर भी हैं। इसमें विश्व का इकलौता धर्मराज का मंदिर और कचहरी भी मौजूद हैं। विश्व प्रसिद्ध पवित्र मणिमहेश कैलाश पर्वत और डल झील भी भरमौर में है। इन दोनों स्थलाें की लोकप्रियता के कारण देश विदेश से भक्त यहां खिंचे चले आते हैं। उपमंडल भरमौर की दुर्दशा का मुख्य कारण चंबा-भरमौर मुख्य मार्ग है। हल्की सी बारिश होने के कारण भी मार्ग अकसर यातायात के लिए अवरुद्ध हो जाता है। कई बार बाहर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों को जाम में घंटों समय व्यतीत करना पड़ता है। इस कारण पर्यटन यहां आने से कतराते हैं। अगर इस मार्ग की दशा में सुधार हो जाए तो भरमौर में सर्दी के चार माह को छोड़कर बाकि आठ माह ज्यादा संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक खूबसूरती के नजारे लूट सकते हैं। जनजागरण समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ज्ञान सिंह ठाकुर का कहना है कि अगर इस मार्ग की हालत सुधार दी जाए तो यहां पर श्रद्धालुआें और पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होगी। उन्हाेंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि भरमौर में धार्मिक पर्यटकाें के लिए एक सूचना केंद्र खोला जाए। इससे पर्यटकों को भरमौर में आने वाले पर्यटक स्थलों बारे जानकारी मिल सकेगी। अकसर भरमौर आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुआें को गाड़ी पार्क करने की काफी समस्या रहती है। प्रदेश सरकार मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवा दे तो भरमौर में बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ की तरह श्रद्धालुआें की आवाजाही रहेगी। इससे भरमौर और जिला चंबा की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।