चंबा। जनजातीय क्षेत्र भरमौर और पांगी के गरीब बच्चों को अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। हालत यह है कि इस छात्रवृत्ति योजना के तहत इस बार बजट स्वीकृत नहीं हो पाया है। इस कारण भरमौर और पांगी इलाकों में आने वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चे इस सुविधा से वंचित हैं। योजना के तहत 3 लाख 65 हजार रुपये स्वीकृति होने थे। इससे 450 के करीब लड़कों और 504 लड़कियों को छात्रवृत्ति दी जानी थी। बच्चों ने छात्रवृत्ति के लिए तमाम जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी कर रखी हैं। इस वर्ष शिक्षा विभाग के पास बजट ही नहीं पहुंच पाया है। इससे पांगी और भरमौर इलाकों में आने वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। ये छात्रवृत्ति आईआरडीपी से संबंध रखने वाले छठी से आठवीं की कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे बच्चों को मिलनी थी। छात्रवृत्ति लेकर गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई करने में काफी सुविधा मिलनी थी। हर साल सैकड़ों बच्चे योजना के तहत लाभान्वित होते हैं। जनजातीय क्षेत्र भरमौर और पांगी में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चाें को इस बार बिना छात्रवृत्ति ही पढ़ाई करनी पड़ेगी। छात्रवृत्ति के लिए बजट स्वीकृत न होने के कारण बच्चों को अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षा विभाग के डिप्टी उपनिदेशक ओपी हीर ने कहा कि भरमौर और पांगी में गरीब बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए बजट स्वीकृत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बजट स्वीकृत न होने के कारण बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी।
चंबा। जनजातीय क्षेत्र भरमौर और पांगी के गरीब बच्चों को अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। हालत यह है कि इस छात्रवृत्ति योजना के तहत इस बार बजट स्वीकृत नहीं हो पाया है। इस कारण भरमौर और पांगी इलाकों में आने वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चे इस सुविधा से वंचित हैं। योजना के तहत 3 लाख 65 हजार रुपये स्वीकृति होने थे। इससे 450 के करीब लड़कों और 504 लड़कियों को छात्रवृत्ति दी जानी थी। बच्चों ने छात्रवृत्ति के लिए तमाम जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी कर रखी हैं। इस वर्ष शिक्षा विभाग के पास बजट ही नहीं पहुंच पाया है। इससे पांगी और भरमौर इलाकों में आने वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। ये छात्रवृत्ति आईआरडीपी से संबंध रखने वाले छठी से आठवीं की कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे बच्चों को मिलनी थी। छात्रवृत्ति लेकर गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई करने में काफी सुविधा मिलनी थी। हर साल सैकड़ों बच्चे योजना के तहत लाभान्वित होते हैं। जनजातीय क्षेत्र भरमौर और पांगी में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चाें को इस बार बिना छात्रवृत्ति ही पढ़ाई करनी पड़ेगी। छात्रवृत्ति के लिए बजट स्वीकृत न होने के कारण बच्चों को अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षा विभाग के डिप्टी उपनिदेशक ओपी हीर ने कहा कि भरमौर और पांगी में गरीब बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए बजट स्वीकृत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बजट स्वीकृत न होने के कारण बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी।