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यमुनानगर। स्वास्थ्य विभाग ने अल्ट्रासाउंड आपरेटरों की मदद से भ्रूण जांच को रोकने की दिशा में कदम बढ़ाया है। आपरेटरों को इंसानियत की दुहाई देते हुए गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग की जांच में लिप्त दलालाें के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। हिदायत भी दी गई कि यदि कोई भ्रूण जांच करते पकड़ा गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
सिविल सर्जन कार्यालय में उप सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने सोमवार को अल्ट्रासाउंड आपरेटरों के साथ मीटिंग की। उन्होंने आपरेटरों से कहा कि लिंग जांच करवाने वाले दलालों की जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने आपरेटरों और डाक्टरों से अपील की कि वे अपने प्रोफेशनल नजरिये में बदलाव लाएं और मानवीय आधार पर समाज में कन्या बचाओ अभियान में अपना योगदान दें।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी आपरेटर अपने रजिस्टर मेंनटेन करें। रजिस्टर में आने वाले मरीज का नाम, साथ आए व्यक्ति से उसका संबंध, फोन नंबर, आईडी, किस डाक्टर ने भेजा या रेफर किया है आदि साफ-साफ लिखें। उन्होंने कहा कि पीएनडीटी एक्ट के अनुसार एक आपरेटर अधिकतम दो जगह ही काम कर सकता है। इससे अधिक जगह काम करने पर उनके खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आपरेटर को आगाह करते हुए कहा कि पहली बार भ्रूण जांच करते पकड़े जाने पर 3 साल की कैद और दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद का प्रावधान है।
डा. नरेंद्र कश्यप, डा. अनिल अग्रवाल, डा. विनय चौधरी, डा. कपिल देव, डा. आरके गुप्ता, डा. विक्रम भारती, डा. टीपी सिंह और डा. जितेंद्र कौर आदि मौजूद रहे।
यमुनानगर। स्वास्थ्य विभाग ने अल्ट्रासाउंड आपरेटरों की मदद से भ्रूण जांच को रोकने की दिशा में कदम बढ़ाया है। आपरेटरों को इंसानियत की दुहाई देते हुए गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग की जांच में लिप्त दलालाें के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। हिदायत भी दी गई कि यदि कोई भ्रूण जांच करते पकड़ा गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
सिविल सर्जन कार्यालय में उप सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने सोमवार को अल्ट्रासाउंड आपरेटरों के साथ मीटिंग की। उन्होंने आपरेटरों से कहा कि लिंग जांच करवाने वाले दलालों की जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने आपरेटरों और डाक्टरों से अपील की कि वे अपने प्रोफेशनल नजरिये में बदलाव लाएं और मानवीय आधार पर समाज में कन्या बचाओ अभियान में अपना योगदान दें।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी आपरेटर अपने रजिस्टर मेंनटेन करें। रजिस्टर में आने वाले मरीज का नाम, साथ आए व्यक्ति से उसका संबंध, फोन नंबर, आईडी, किस डाक्टर ने भेजा या रेफर किया है आदि साफ-साफ लिखें। उन्होंने कहा कि पीएनडीटी एक्ट के अनुसार एक आपरेटर अधिकतम दो जगह ही काम कर सकता है। इससे अधिक जगह काम करने पर उनके खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आपरेटर को आगाह करते हुए कहा कि पहली बार भ्रूण जांच करते पकड़े जाने पर 3 साल की कैद और दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद का प्रावधान है।
डा. नरेंद्र कश्यप, डा. अनिल अग्रवाल, डा. विनय चौधरी, डा. कपिल देव, डा. आरके गुप्ता, डा. विक्रम भारती, डा. टीपी सिंह और डा. जितेंद्र कौर आदि मौजूद रहे।