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जगाधरी। बहला फुसला कर पांच साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोप में जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गठन के महज सात दिन के अंदर बृहस्पतिवार को पहला फैसला सुनाया है। कोर्ट की एडिशनल सेशन जज रितू गर्ग ने दुराचार के दोषी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पर दस हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। जुर्माना नही देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने होगी। स्पेशल कोर्ट में इस केस की सुनवाई एक सप्ताह तक चली। 14 जून 2012 को जगाधरी की एक कालोनी में पांच साल की बच्ची घर बाहर खेल रही थी। इस दौरान पड़ोस में रहने वाला व्यक्ति आया और बच्ची को बहला फुसला कर अपने घर ले गया। जहां पर उसने उसके साथ दुराचार किया। जब बच्ची रोने लगी तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इस कारण बच्ची सहम गई। इसके बाद जब सहमी बच्ची घर पर आई, तो उसकी मां ने उससे इसका कारण पूछा। इसके बाद बच्ची ने रोना शुरू कर दिया और घटना के बारे में बताया। घटना की सूचना फर्कपुर पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बच्ची के परिजनों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ दुराचार व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
क्राइम अगेंस्ट वुमन से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए जिले में 17 जनवरी को फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हुआ। बच्ची के साथ हुए केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में 17 जनवरी से शुरू हुई। एडिशनल सेशन जज रितू गर्ग ने केस की सुनवाई की। पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए सबूत व अन्य तथ्यों के आधार पर दोषी पाया गया।
जगाधरी। बहला फुसला कर पांच साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोप में जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गठन के महज सात दिन के अंदर बृहस्पतिवार को पहला फैसला सुनाया है। कोर्ट की एडिशनल सेशन जज रितू गर्ग ने दुराचार के दोषी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पर दस हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। जुर्माना नही देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने होगी। स्पेशल कोर्ट में इस केस की सुनवाई एक सप्ताह तक चली। 14 जून 2012 को जगाधरी की एक कालोनी में पांच साल की बच्ची घर बाहर खेल रही थी। इस दौरान पड़ोस में रहने वाला व्यक्ति आया और बच्ची को बहला फुसला कर अपने घर ले गया। जहां पर उसने उसके साथ दुराचार किया। जब बच्ची रोने लगी तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इस कारण बच्ची सहम गई। इसके बाद जब सहमी बच्ची घर पर आई, तो उसकी मां ने उससे इसका कारण पूछा। इसके बाद बच्ची ने रोना शुरू कर दिया और घटना के बारे में बताया। घटना की सूचना फर्कपुर पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बच्ची के परिजनों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ दुराचार व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
क्राइम अगेंस्ट वुमन से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए जिले में 17 जनवरी को फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हुआ। बच्ची के साथ हुए केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में 17 जनवरी से शुरू हुई। एडिशनल सेशन जज रितू गर्ग ने केस की सुनवाई की। पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए सबूत व अन्य तथ्यों के आधार पर दोषी पाया गया।