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हरियाणा के सोनीपत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत ने इंजीनियर की गोली मारकर हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए सात हजार रुपये जुर्माना लगाया है। मामले में एक आरोपी अभी भगौड़ा है और दो को बरी किया जा चुका है।
गांव औरंगाबाद (ब्राह्मणवास) निवासी धर्मपाल ने 8 मई, 2016 को सिविल लाइन थाना पुलिस को बताया था कि उनका भतीजा राहुल (27) सिविल इंजीनियर था। उनके भतीजे की कंपनी बस स्टैंड के पास एक बिल्डिंग का निर्माण कर रही थी। घटना के दिन दोपहर को राहुल अपनी सेंट्रो कार में सवार होकर साइट पर जाने के लिए घर से निकले थे।
जब वह गेटवे स्कूल के सामने पहुंचे थे तो उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। राहगीरों ने मामले की सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने धर्मपाल के बयान पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। तब पुलिस जांच में सामने आया था कि राहुल की शादी गन्नौर में एक अनाथ आश्रम संचालक की पुत्री के साथ करीब तीन वर्ष पहले हुई थी।
हालांकि बाद में दोनों में मनमुटाव हो गया था। इसके चलते हत्या की वारदात से करीब चार माह पहले ही दोनों में तलाक हो गया था। राहुल अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। जांच के दौरान पुलिस ने मामले में आरोपी विशाल, अमरदीप, मोहित, सतीश व नवीन को गिरफ्तार किया था।
उनसे वारदात में प्रयुक्त तमंचा व गाड़ी बरामद कर ली थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि विशाल के परिवार की महिला राहुल की बोलचाल हो गई थी। विशाल उसे मना करता था। जिसकी रंजिश में उसने साथियों संग वारदात को अंजाम दिया था।
मामले में अदालत ने एक दोषी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 निवासी मोहित उर्फ देवा को दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस समय विशाल व नवीन को भगौड़ा घोषित किया था। दो आरोपियों को बरी कर दिया था। बाद में मामले में विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया था।
एएसजे अजय पराशर की अदालत ने मामले में आरोपी विकास नगर सोनीपत निवासी विशाल को दोषी करार दिया है। अदालत ने मंगलवार को दोषी को भादंसं की धारा 302 में उम्रकैद व पांच हजार रुपये जुर्माना तथा अवैध शस्त्र अधिनियम में तीन साल कैद व दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।