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Five members of international gang arrested for withdrawing money by cyber burglary in accounts
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Cyber Crime: अंतरराष्ट्रीय गिरोह के 5 शातिर धरे, स्कूल खाते से निकाले थे Rs 1.60Cr, ऐसे चलता है पूरा नेटवर्क
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Thu, 01 Jun 2023 12:31 AM IST
ओम पब्लिक स्कूल के प्राचार्य ने मुकदमा दर्ज कराया था, शातिर विदेश में बैठकर गैंग को नियंत्रित करते हैं। सोनीपत साइबर पुलिस टीम ने एक ग्रुप के पांच आरोपियों को पकड़ा है।, चार अन्य ग्रुप भी वारदात में शामिल हैं। मोबाइल नंबर बंद कराकर व इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड हैक करके सेंधमारी करते थे।
हरियाणा के सोनीपत के गोहाना के ओम पब्लिक स्कूल के खाते में सेंध लगा 1.60 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में साइबर थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गिरोह के पांच शातिरों का गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी अपने साथियों संग खाताधारक का बैंक में अटैच मोबाइल नंबर बंद करा देते थे। उसके बाद इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड हैक करके रुपये ट्रांसफर कर लेते थे।
इसके बाद अन्य शहरों में उनके गैंग के आरोपी रुपये निकाल लेते थे। रुपये नहीं निकालने की सूरत में खाते में आए रुपये से सोना खरीद लेते थे। उनसे लाखों की नकदी, सोना, मोबाइल, डेबिट कार्ड, फर्जी पैन कार्ड व आधार कार्ड बरामद किए हैं। गिरोह में पांच अलग-अलग ग्रुप हैं, जिसमें पुलिस के हाथ अभी तीसरे नंबर का ग्रुप चढ़ा है। अन्य का पता लगाया जा रहा है।
डीसीपी गौरव राजपुरोहित ने बुधवार को राई स्थित सीपी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि ओम पब्लिक स्कूल के खाते से 1.60 करोड़ रुपये की साइबर सेंधमारी की गई थी। मामले में स्कूल के प्राचार्य मंजीत खासा ने बताया था कि उनका स्कूल खाता से मोबाइल नंबर अटैच है। साइबर ठगों ने पहले उनका बैंक खाते वाला नंबर कंपनी से बंद करा दिया। उसके बाद इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड हैक कर लिया। उनके खाते से दो दिन में एक करोड़, 59 लाख, 50 हजार 47 रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर कर लिए गए।
आरोपियों ने कुछ रुपये डेबिट कार्ड का प्रयोग कर एटीएम से निकाल लिए और कुछ का सोना खरीद लिया। साइबर थाना पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला गोंडा के गांव जगन्नाथपुर फिलहाल लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित अली कॉलोनी का रहने वाला प्रभु जगदीप पटवा, यूपी के जिला जौनपुर के गांव छिमिया का धर्मेंद्र कुमार, लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित अली कॉलोनी निवासी बेगम शमा परवीन, जौनपुर के गांव मथुरापुर निवासी सर्वेश कुमार दुबे, यूपी के जिला वाराणसी के गांव गांगकलां का दिग्विजय सिंह शामिल हैं। पुलिस आरोपियों के साथियों का पता लगा रही है। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों से यह हुआ बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 14 लाख की नकदी, 6.35 लाख रुपये के सोने के आभूषण बरामद किए हैं। साथ ही 12 मोबाइल फोन, 22 डेबिट कार्ड और फर्जी पैन कार्ड व आधार कार्ड बरामद किए हैं।
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पांच अलग-अलग ग्रुप बनाकर करते हैं ठगी, तीसरे नंबर का है पकड़ा गया ग्रुप
पुलिस के अनुसार साइबर ठगी के इस गिरोह में अलग-अलग पांच ग्रुप शामिल हैं। पहले ग्रुप के शातिर विदेश में बैठकर गैंग को नियंत्रित करते हैं। उनको ठगी का 40 फीसदी हिस्सा मिलता है। उनको रुपया क्रिप्टो करेंसी के रूप में भेजा जाता है। उसके अलावा दूसरे ग्रुप के शातिरों का काम बैंक खाते और उनसे अटैच मोबाइल नंबर की जानकारी जुटाकर तीसरे ग्रुप को देना था। तीसरा ग्रुप मोबाइल नंबर के रिचार्ज आदि की जानकारी जुटाकर उसको कस्टमर केयर से बंद करा देता था, जिससे खाताधारक को संदेश नहीं मिल सकें। उनके चौथे ग्रुप में आईटी एक्सपर्ट शामिल हैं। वह खाते का इंटरनेट पासवर्ड हैक करके रुपयों को ट्रांसफर करते थे। पांचवां ग्रुप उन शातिरों का है, जिनका काम रुपया निकालना और सोना खरीदना है। अभी तक तीसरे नंबर का ग्रुप हत्थे चढ़ा है।
जरूरतमंद लोगों के बैंक खाते खुलवा उनमें ट्रांसफर करते हैं राशि
पुलिस जांच में सामने आया है कि ग्रुप के शातिर जरूरतमंद लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खाते खुलवाते हैं। वह उनको पेंशन या अन्य लाभ देने का झांसा देते हैं। उनके डेबिट कार्ड व कागजात अपने पास रख लेते हैं। उनमें रुपयों को ट्रांसफर करके निकाल लेते हैं। उनको कुछ रुपये दे दिया जाता है। गिरफ्तार मुख्य आरोपी प्रभु जगदीप पटवा महज 10वीं कक्षा तक पढ़ा है। उसके अन्य साथी भी 10 या 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं।
साइबर थाना पुलिस की बड़ी उपलब्धि है। गिरोह अगल-अलग ग्रुप में काम करता है। इनके सरगना विदेश में बैठे हैं। उन्हें क्रिप्टो करेंसी से रुपये भेजे जाते हैं। गिरफ्तार आरोपियों से महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। इनके अन्य साथियों का पता लगाया जा रहा है। -गौरव राजपुरोहित, डीसीपी, मुख्यालय, सोनीपत
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