सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के साथ महिलाएं भी हैं विरोध में शामिल...
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तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन के तहत खाप और किसान संगठनों के दिल्ली जाने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। दोपहर फौगाट और सतगामा खाप से जुड़े लोगों के अलावा किसान संगठनों के पदाधिकारी ट्रैक्टरों में सवार होकर टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुए। ये किसान अपने साथ सब्जियों और फलों से भरा एक वाहन, ट्रैक्टरों में रसद के अलावा बिस्तर और हुक्के भी साथ ले गए हैं। झज्जर के टीकरी बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में बुधवार को बिरोहड़ बारहा और कादयान बारहा खाप से जुड़े लोग धरनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दूध, लस्सी, सब्जी फल, खाद्य सामग्री बांटी।
इधर, जींद के दनौदा गांव में बिनैन खाप की बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि वीरवार को नरवाना के हरियल चौक से खाप के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से दिल्ली कूच करेंगे। वहीं बीबीपुर गांव के लोगों ने भी मीटिंग कर शुक्रवार को दिल्ली कूच करने का एलान किया। वहीं, भिवानी के तोशाम से टेही खाप की गांव ईशरवाल में महेंद्र नंबरदार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें फैसला लिया कि शुक्रवार को सुबह चार बजे खाप के सदस्य ट्रैक्टरों में 500 लीटर दूध, 500 लीटर लस्सी, 10 क्विंटल सूखी सब्जी, दो क्विंटल चावल अपने साथ लेकर दिल्ली किसान आंदोलन में पहुंचेंगे और किसान आंदोलन का समर्थन करेंगे।
फतेहाबाद के रतिया क्षेत्र के गांव चिम्मो से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए राशन भेजा गया। रोहतक की हुड्डा खाप ने किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए इसमें भाग लेने का फैसला लिया। यही नहीं, आंदोलनकारी किसानों का खाना-पानी भी पहुंचाने पर भी सहमति बनी। भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव मनजीत दहिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की गुहार लगाई है।
25 ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुंडली बार्डर पहुंचे आंतिल खाप के लोग, आज दहिया खाप भी होगी शामिल
आंतिल चौबीसी खाप के प्रधान हवा सिंह के नेतृत्व में बुधवार को 25 ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर खाप के सैकड़ों लोग कुंडली बॉर्डर स्थित धरना स्थल पर पहुंचे। जबकि खरखौदा के गांव सिसाना में दहिया खाप की बैठक खाप प्रधान पूर्व एसीपी महावीर दहिया की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि वीरवार को दहिया खाप की ओर से कुंडली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया जाएगा।
किसानों के इस मसले की गंभीरता को समझे सरकार
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सदस्यों गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, शिवकुमार कक्काजी, रंजीत राजू ने कहा कि जिस तरह से किसानों के समर्थन में खिलाड़ी, सेवानिवृत्त जवान, कलाकार भी अवॉर्ड वापस करेंगे। उससे सरकार समझ सकती है कि किसानों का यह मसला कितना गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह खतरे की घंटी है और इसकी गंभीरता को समझकर सरकार को सभी मांग मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अब केवल एक दिन है और इसके बाद किसान अपना आंदोलन तय करेंगे।
आरएसएस का किसान संगठन आज की बातचीत के निष्कर्ष से लेगा आंदोलन पर फैसला
आरएसएस के किसान संगठन भारतीय किसान संघ की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश संयोजक सविता मोर ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह तीन दिसंबर की बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। उससे कुछ हल नहीं निकला तो भारतीय किसान संघ भी आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि संघ की भी आंदोलन की तैयारी चल रही है और वह भी सड़कों पर उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ अपनी तीनों मांगों पर कायम है। इनमें खरीद को एमएसपी के साथ जोड़ा जाए, ट्रेडर्स का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए व एग्रीकल्चर कोर्ट बननी चाहिए।
सार
- आज दिल्ली जाएंगे बिनैन और दहिया खाप से जुड़े लोग, हुड्डा खाप ने भी दिया समर्थन
- किसान आंदोलन में भाग लेने वालों के लिए राशन, दूध-दही व लस्सी लेकर पहुंचीं खाप
विस्तार
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन के तहत खाप और किसान संगठनों के दिल्ली जाने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। दोपहर फौगाट और सतगामा खाप से जुड़े लोगों के अलावा किसान संगठनों के पदाधिकारी ट्रैक्टरों में सवार होकर टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुए। ये किसान अपने साथ सब्जियों और फलों से भरा एक वाहन, ट्रैक्टरों में रसद के अलावा बिस्तर और हुक्के भी साथ ले गए हैं। झज्जर के टीकरी बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में बुधवार को बिरोहड़ बारहा और कादयान बारहा खाप से जुड़े लोग धरनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दूध, लस्सी, सब्जी फल, खाद्य सामग्री बांटी।
इधर, जींद के दनौदा गांव में बिनैन खाप की बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि वीरवार को नरवाना के हरियल चौक से खाप के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से दिल्ली कूच करेंगे। वहीं बीबीपुर गांव के लोगों ने भी मीटिंग कर शुक्रवार को दिल्ली कूच करने का एलान किया। वहीं, भिवानी के तोशाम से टेही खाप की गांव ईशरवाल में महेंद्र नंबरदार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें फैसला लिया कि शुक्रवार को सुबह चार बजे खाप के सदस्य ट्रैक्टरों में 500 लीटर दूध, 500 लीटर लस्सी, 10 क्विंटल सूखी सब्जी, दो क्विंटल चावल अपने साथ लेकर दिल्ली किसान आंदोलन में पहुंचेंगे और किसान आंदोलन का समर्थन करेंगे।
फतेहाबाद के रतिया क्षेत्र के गांव चिम्मो से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए राशन भेजा गया। रोहतक की हुड्डा खाप ने किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए इसमें भाग लेने का फैसला लिया। यही नहीं, आंदोलनकारी किसानों का खाना-पानी भी पहुंचाने पर भी सहमति बनी। भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव मनजीत दहिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की गुहार लगाई है।
25 ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुंडली बार्डर पहुंचे आंतिल खाप के लोग, आज दहिया खाप भी होगी शामिल
आंतिल चौबीसी खाप के प्रधान हवा सिंह के नेतृत्व में बुधवार को 25 ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर खाप के सैकड़ों लोग कुंडली बॉर्डर स्थित धरना स्थल पर पहुंचे। जबकि खरखौदा के गांव सिसाना में दहिया खाप की बैठक खाप प्रधान पूर्व एसीपी महावीर दहिया की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि वीरवार को दहिया खाप की ओर से कुंडली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया जाएगा।
किसानों के इस मसले की गंभीरता को समझे सरकार
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सदस्यों गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, शिवकुमार कक्काजी, रंजीत राजू ने कहा कि जिस तरह से किसानों के समर्थन में खिलाड़ी, सेवानिवृत्त जवान, कलाकार भी अवॉर्ड वापस करेंगे। उससे सरकार समझ सकती है कि किसानों का यह मसला कितना गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह खतरे की घंटी है और इसकी गंभीरता को समझकर सरकार को सभी मांग मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अब केवल एक दिन है और इसके बाद किसान अपना आंदोलन तय करेंगे।
आरएसएस का किसान संगठन आज की बातचीत के निष्कर्ष से लेगा आंदोलन पर फैसला
आरएसएस के किसान संगठन भारतीय किसान संघ की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश संयोजक सविता मोर ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह तीन दिसंबर की बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। उससे कुछ हल नहीं निकला तो भारतीय किसान संघ भी आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि संघ की भी आंदोलन की तैयारी चल रही है और वह भी सड़कों पर उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ अपनी तीनों मांगों पर कायम है। इनमें खरीद को एमएसपी के साथ जोड़ा जाए, ट्रेडर्स का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए व एग्रीकल्चर कोर्ट बननी चाहिए।