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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 2017 में दौरे के दौरान रोहतक में तिलियार झील के नजदीक सड़क पर जाम लगाने के मामले में अदालत में कड़ा रुख लिया है। पेश न होने पर पानीपत निवासी आरोपी महिला ऊषा व सोनीपत निवासी सरोज के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। अब मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
दोनों आरोपी जमानत पर थीं। अदालत में पेशी के बाद आरोपियों को नए सिरे से जमानत करानी होगी। पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अगस्त 2017 में रोहतक का तीन दिवसीय दौरा था। चार अगस्त को फरीदाबाद पुलिस के इंस्पेक्टर जयबीर सिंह ने अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दी थी कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वे अपने साथियों के साथ तिलियार झील स्थित कन्वेंशन सेंटर के बाहर दिल्ली रोड पर तैनात थे।
दोपहर करीब एक बजे रोहतक शहर की तरफ से 18 से 20 महिलाएं व पुरुष हाथों में आम आदमी पार्टी के बैनर व काले झंडे लेकर नारेबाजी करते हुए आए। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने पुलिस की मदद से रोकने का प्रयास किया, लेकिन नारेबाजी करते हुए रोड जाम कर दिया गया।
अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने इंस्पेक्टर जयबीर की शिकायत पर दिनेश कुमार, अश्वनी देशवाल, सुमित गर्ग, सुखबीर सिंह, संदीप सिंह, सौयब आलम, अनूप संधू, संजय तंवर, डॉक्टर ओमनारायण, प्रिया शर्मा, मंजू गुप्ता, कृष्णा राठी, कमला ढांडा, डॉक्टर सालनी यादव, पिंकी सिंह, मन्जू साकला, उषा, रीना, उषा व सरोज बाला व तत्कालीन आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद सहित 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था जो अभी जिला अदालत में चल रहा है। अभी केस में गवाही की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है। मंगलवार को कोर्ट में केस की सुनवाई थी। 21 में दो आरोपी अदालत में पेश नहीं हो सके।
आरोपी महिला पानीपत निवासी ऊषा व सोनीपत निवासी सरोज कोर्ट में पेश नहीं हो सकीं। इसके चलते अदालत ने दोनों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। अब केस की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
-गौरव लाकड़ा, बचाव पक्ष के वकील