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मिनिस्ट्री कोटे से एफसीआई में नौकरी लगवाने के नाम पर रामनगर के एक व्यक्ति से 35 लाख रुपये ठग लिए हैं। जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर 11 नामजद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर मामले की आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। आर्य नगर थाना पुलिस को दी शिकायत में रामनगर निवासी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह हर रोज सुबह मानसरोवर में सर के लिए जाता था। वहां पर उसकी मुलाकात शास्त्री नगर निवासी धर्मपाल से हुई। धर्मपाल ने उसे बताया कि उसने अपने बेटे मुकेश को मिनिस्ट्री कोटे से एफसीआई में सुपरवाइजर लगवाया हुआ है, इसके अलावा भी अन्य कई बच्चों को भी वह सरकारी नौकरी लगवा चुका है। सुरेंद्र सिंह का आरोप है कि कुछ समय बाद धर्मपाल और उसके बेटे मुकेश दोनों की उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि आपके बेटे तरुण को मिनिस्ट्री कोटे से एफसीआई में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपये लगेंगे। धर्मपाल का आरोप है कि उसने अपने बेटे तरुण और उसके साले कमल को एफसीआई में नौकरी लगवाने के नाम पर दोनों बाप बेटों को 35 लाख रुपये विभिन्न तारीखों में नकद और उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए हुए हैं। इनका कहना है कि नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपियों ने उसके बेटे को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिए। उनकी कोलकाता में ट्रेनिंग भी करवाई ट्रेनिंग पीरियड पूरा होने के बाद पता चला कि आरोपी द्वारा अब तक जो कागजात दिए गए हैं, वह सभी फर्जी हैं। उनको किसी भी विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया।
मिनिस्ट्री कोटे से एफसीआई में नौकरी लगवाने के नाम पर रामनगर के एक व्यक्ति से 35 लाख रुपये ठग लिए हैं। जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर 11 नामजद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर मामले की आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। आर्य नगर थाना पुलिस को दी शिकायत में रामनगर निवासी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह हर रोज सुबह मानसरोवर में सर के लिए जाता था। वहां पर उसकी मुलाकात शास्त्री नगर निवासी धर्मपाल से हुई। धर्मपाल ने उसे बताया कि उसने अपने बेटे मुकेश को मिनिस्ट्री कोटे से एफसीआई में सुपरवाइजर लगवाया हुआ है, इसके अलावा भी अन्य कई बच्चों को भी वह सरकारी नौकरी लगवा चुका है। सुरेंद्र सिंह का आरोप है कि कुछ समय बाद धर्मपाल और उसके बेटे मुकेश दोनों की उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि आपके बेटे तरुण को मिनिस्ट्री कोटे से एफसीआई में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपये लगेंगे। धर्मपाल का आरोप है कि उसने अपने बेटे तरुण और उसके साले कमल को एफसीआई में नौकरी लगवाने के नाम पर दोनों बाप बेटों को 35 लाख रुपये विभिन्न तारीखों में नकद और उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए हुए हैं। इनका कहना है कि नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपियों ने उसके बेटे को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिए। उनकी कोलकाता में ट्रेनिंग भी करवाई ट्रेनिंग पीरियड पूरा होने के बाद पता चला कि आरोपी द्वारा अब तक जो कागजात दिए गए हैं, वह सभी फर्जी हैं। उनको किसी भी विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया।