पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
नारनौल। केेंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के वीसी मूलचंद शर्मा ने कहा कि सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा सशक्त माध्यम है। इसलिए समाज के प्रबुद्धजन शिक्षा से वंचित बच्चों को तक शिक्षा पहुंचाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। शिक्षक वर्ग भी इस सामाजिक कार्य में विशेष रुचि लें। वे सोमवार को डीएवी सीनियर सेकेेंडरी स्कूल नारनौल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी महेंद्रगढ़ की ओर से आयोजित सेमीनार में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि समाज एवं राष्ट्र के समग्र विकास में सामाजिक बुराइयां सबसे बड़ा रोड़ा हैं। कन्या भ्रूण-हत्या एवं दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयां आज मानवता पर लगातार हावी होती जा रही हैं। इसके परिणाम स्वरूप देश में लिंगापुनात का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने में कारगर भूमिका निभा सकती है। उन्होंने सेमीनार में उपस्थित शिक्षक, केेंद्रीय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं समस्त शिक्षण संस्थाओं ने जुड़े लोगों से आह्वान किया कि वे गरिमापूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण के लिए शिक्षा की पूर्णता को समझते हुए शिक्षा से वंचित रहे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने पर विशेष जोर दें।
डीएवी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा और बाल विवाह आदि सामाजिक बुराइयों पर कड़े कटाक्ष किए तथा लोगों को इन बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए प्रेरित किया। सेमीनार में केेंद्रीय विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. निकिता मलिक, डॉ. आनंद शर्मा, डीएवी संस्थान दिल्ली से आए डॉ. डीवी सेठी, होली चाइल्ड स्कूल रेवाड़ी के प्राचार्य अनिरुद्ध सचदेवा, केेंद्रीय विद्यालय रघुनाथपुरा के प्राचार्य महेंद्र सिंह मधुर, शिक्षाविद बीर सिंह ने भी शिक्षा से वंचित रहे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने पर जोर दिया।
नारनौल। केेंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के वीसी मूलचंद शर्मा ने कहा कि सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा सशक्त माध्यम है। इसलिए समाज के प्रबुद्धजन शिक्षा से वंचित बच्चों को तक शिक्षा पहुंचाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। शिक्षक वर्ग भी इस सामाजिक कार्य में विशेष रुचि लें। वे सोमवार को डीएवी सीनियर सेकेेंडरी स्कूल नारनौल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी महेंद्रगढ़ की ओर से आयोजित सेमीनार में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि समाज एवं राष्ट्र के समग्र विकास में सामाजिक बुराइयां सबसे बड़ा रोड़ा हैं। कन्या भ्रूण-हत्या एवं दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयां आज मानवता पर लगातार हावी होती जा रही हैं। इसके परिणाम स्वरूप देश में लिंगापुनात का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने में कारगर भूमिका निभा सकती है। उन्होंने सेमीनार में उपस्थित शिक्षक, केेंद्रीय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं समस्त शिक्षण संस्थाओं ने जुड़े लोगों से आह्वान किया कि वे गरिमापूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण के लिए शिक्षा की पूर्णता को समझते हुए शिक्षा से वंचित रहे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने पर विशेष जोर दें।
डीएवी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा और बाल विवाह आदि सामाजिक बुराइयों पर कड़े कटाक्ष किए तथा लोगों को इन बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए प्रेरित किया। सेमीनार में केेंद्रीय विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. निकिता मलिक, डॉ. आनंद शर्मा, डीएवी संस्थान दिल्ली से आए डॉ. डीवी सेठी, होली चाइल्ड स्कूल रेवाड़ी के प्राचार्य अनिरुद्ध सचदेवा, केेंद्रीय विद्यालय रघुनाथपुरा के प्राचार्य महेंद्र सिंह मधुर, शिक्षाविद बीर सिंह ने भी शिक्षा से वंचित रहे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने पर जोर दिया।