फतेहाबाद। गोरखपुर परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर अधिग्रहीत की गई जमीन के मुआवजे को लेकर स्थानीय किसानों ने प्रशासन से आगे नई मांग रख दी है। किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी जमीन केलिए बहुत कम मुआवजा दिया गया है। वीरवार केजमीन पर कब्जा लेने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों ने साफ कह दिया कि पहले सरकार उन्हें दिए गए मुआवजे की राशि बढ़ाए। किसानों ने वीरवार को प्रशासनिक अधिकारियों को जमीन पर कब्जा नहीं लेने दिया और खाली हाथ लौटा दिया।
किसान बलवंत सिह सिवाच, अनूप सिंह, कृष्ण सिवाच सहित दर्जनों किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें गोरखपुर से उजाड़कर बेघर किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि वे अपनी जमीन के लिए जान दे सकते हैं पर कब्जा नहीं लेने देंगे। किसानों ने कहा कि सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि जींद जिले के गांव खडकडा में बिरानी जमीन के 68 लाख रुपये दिये जा रहे हैं जबकि गोरखपुर में उपजाऊ जमीन के 70 लाख देने को तैयार नहीं है।
हाल ही में मुआवजा पा चुके किसानों ने खेतों में गेहूं की बिजाई भी कर दी है। वीरवार को जब जेसीबी मशीनें खेतों में उतारी जाने लगीं तो किसान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से उलझ गए। हालांकि अधिकारियों ने किसानों पर किसी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया। जेसीबी मशीन के आगे लेटे किसानों को एसपी विकास धनखड़ ने हाथ जोड़कर उठने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों के समक्ष खेतों से परमाणु कंपनी के इंजीनियरों को केवल मिट्टी और जमीन की गहराई के सैंपल लेने की मांग रखी। किसानों ने उनका यह प्रस्ताव भी ठुकरा दिया।
इसके बाद जब एसपी और एसडीएम के नेतृत्व में प्रशासनिक अमला आगे बढ़ने लगा तो एक दर्जन के करीब किसान पास रखे बंछटियों के ढेर पर चढ़ गए ओर नीचे से आग लगा दी। इनमें किसान देवा सिंह नम्बरदार, जोगीराम, कृष्ण सिवाच, संजय शर्मा, सतबीर सिंह, पवन शर्मा, अनूप सिंह, होशियार सिंह, रणबीर सिंह ने आत्मदाह के लिए प्रयास किया। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाते हुए बंछटियों में दो युवकों से आग लगवा ली। इसके बाद प्रशासन अधिकारियों की सांस फूल गई। किसानाें के आत्मदाह जैसे उठाए कदम के बाद प्रशासनिक अमला पीछे हट गया ओर बिना कोई कार्रवाई किए गोरखपुर से लौट गया।
मिट्टी के सैंपल लेने ही आए हैं : एसडीएम
प्रदर्शनकारी किसानों को एसडीएम बलजीत सिंह ने कहा कि परमाणु कंपनी को जमीन का कब्जा नहीं लेना बल्कि मिट्टी के सैंपल लेने हैं। वे केवल सैंपल दिलवाने आए हैं। टीम करीब 150 स्थानों से सोयल टेस्ट के नमूने लेने के लिए ही मशीनें लाई हैं। मशीनों से खेतों में 120 मीटर की गहराई तक सैंपल लिया जाएगा। एसडीएम ने कहा कि सैंपल बिल्डिंग निर्माण, पानी व अन्य वस्तुओं जांच के लिए किया जा रहा है लेकिन किसान एसडीएम की बात से सहमत नहीं हुए और उन्होंने अफसरों को खेतों न घुसने देने की चेतावनी दे दी।
फतेहाबाद। गोरखपुर परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर अधिग्रहीत की गई जमीन के मुआवजे को लेकर स्थानीय किसानों ने प्रशासन से आगे नई मांग रख दी है। किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी जमीन केलिए बहुत कम मुआवजा दिया गया है। वीरवार केजमीन पर कब्जा लेने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों ने साफ कह दिया कि पहले सरकार उन्हें दिए गए मुआवजे की राशि बढ़ाए। किसानों ने वीरवार को प्रशासनिक अधिकारियों को जमीन पर कब्जा नहीं लेने दिया और खाली हाथ लौटा दिया।
किसान बलवंत सिह सिवाच, अनूप सिंह, कृष्ण सिवाच सहित दर्जनों किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें गोरखपुर से उजाड़कर बेघर किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि वे अपनी जमीन के लिए जान दे सकते हैं पर कब्जा नहीं लेने देंगे। किसानों ने कहा कि सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि जींद जिले के गांव खडकडा में बिरानी जमीन के 68 लाख रुपये दिये जा रहे हैं जबकि गोरखपुर में उपजाऊ जमीन के 70 लाख देने को तैयार नहीं है।
हाल ही में मुआवजा पा चुके किसानों ने खेतों में गेहूं की बिजाई भी कर दी है। वीरवार को जब जेसीबी मशीनें खेतों में उतारी जाने लगीं तो किसान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से उलझ गए। हालांकि अधिकारियों ने किसानों पर किसी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया। जेसीबी मशीन के आगे लेटे किसानों को एसपी विकास धनखड़ ने हाथ जोड़कर उठने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों के समक्ष खेतों से परमाणु कंपनी के इंजीनियरों को केवल मिट्टी और जमीन की गहराई के सैंपल लेने की मांग रखी। किसानों ने उनका यह प्रस्ताव भी ठुकरा दिया।
इसके बाद जब एसपी और एसडीएम के नेतृत्व में प्रशासनिक अमला आगे बढ़ने लगा तो एक दर्जन के करीब किसान पास रखे बंछटियों के ढेर पर चढ़ गए ओर नीचे से आग लगा दी। इनमें किसान देवा सिंह नम्बरदार, जोगीराम, कृष्ण सिवाच, संजय शर्मा, सतबीर सिंह, पवन शर्मा, अनूप सिंह, होशियार सिंह, रणबीर सिंह ने आत्मदाह के लिए प्रयास किया। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाते हुए बंछटियों में दो युवकों से आग लगवा ली। इसके बाद प्रशासन अधिकारियों की सांस फूल गई। किसानाें के आत्मदाह जैसे उठाए कदम के बाद प्रशासनिक अमला पीछे हट गया ओर बिना कोई कार्रवाई किए गोरखपुर से लौट गया।
मिट्टी के सैंपल लेने ही आए हैं : एसडीएम
प्रदर्शनकारी किसानों को एसडीएम बलजीत सिंह ने कहा कि परमाणु कंपनी को जमीन का कब्जा नहीं लेना बल्कि मिट्टी के सैंपल लेने हैं। वे केवल सैंपल दिलवाने आए हैं। टीम करीब 150 स्थानों से सोयल टेस्ट के नमूने लेने के लिए ही मशीनें लाई हैं। मशीनों से खेतों में 120 मीटर की गहराई तक सैंपल लिया जाएगा। एसडीएम ने कहा कि सैंपल बिल्डिंग निर्माण, पानी व अन्य वस्तुओं जांच के लिए किया जा रहा है लेकिन किसान एसडीएम की बात से सहमत नहीं हुए और उन्होंने अफसरों को खेतों न घुसने देने की चेतावनी दे दी।