रोहतक। लाखनमाजरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दो स्टाफ नर्सों पर कार्रवाई की मांग करते हुए ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि दोनों नर्स मंदबुद्धि गर्भवती महिला को पीजीआई में भरती कराने गई थी, परंतु उन्होंने भरती कराने की बजाए उसे कहीं और छोड़ दिया। सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन ग्रामीणों ने सीएचसी का ताला नहीं खोला।
ग्राम सुधार समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि बीती रात ग्रामीणों को लाखनमाजरा स्थित एक ढाबे के बाहर एक मंदबुद्धि गर्भवती महिला अचेत हालत में मिली। ग्रामीणों ने उसे सामुदायिक केंद्र में भरती कराया। जहां डाक्टरों ने उसे पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। दो स्टाफ नर्सों पर मंदबुद्धि महिला को पीजीआई में भरती कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। शनिवार सुबह दोनाें नर्स मंदबुद्धि महिला को लेकर पीजीआई के लिए रवाना हुई। दोपहर बाद जब वे वापस केंद्र में पहुंची तो ग्रामीणों ने इस बारे में पता किया तो दोनों उन्हें गुमराह करती रही। इस बात का पता लगाने के लिए कुछ ग्रामीण पीजीआई पहुंचे और रिकार्ड देखा तो किसी भी मंदबुद्धि महिला की भर्ती होने का रिकार्ड नहीं मिला। ग्रामीणों ने फोन पर इसकी सूचना दी तो ग्रामीण एकत्रित हुए होकर सामुदायिक केंद्र पहुंचे और ताला जड़ दिया। इससे पहले दोनों स्टाफ नर्स वहां से चली गई थी। ग्रामीणों ने सामुदायिक केंद्र के बाहर जमकर बवाल काटा। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण मौके पर मौजूद थे।
इस मामले में सिविल सर्जन विनय गोविल्ला ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
रोहतक। लाखनमाजरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दो स्टाफ नर्सों पर कार्रवाई की मांग करते हुए ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि दोनों नर्स मंदबुद्धि गर्भवती महिला को पीजीआई में भरती कराने गई थी, परंतु उन्होंने भरती कराने की बजाए उसे कहीं और छोड़ दिया। सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन ग्रामीणों ने सीएचसी का ताला नहीं खोला।
ग्राम सुधार समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि बीती रात ग्रामीणों को लाखनमाजरा स्थित एक ढाबे के बाहर एक मंदबुद्धि गर्भवती महिला अचेत हालत में मिली। ग्रामीणों ने उसे सामुदायिक केंद्र में भरती कराया। जहां डाक्टरों ने उसे पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। दो स्टाफ नर्सों पर मंदबुद्धि महिला को पीजीआई में भरती कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। शनिवार सुबह दोनाें नर्स मंदबुद्धि महिला को लेकर पीजीआई के लिए रवाना हुई। दोपहर बाद जब वे वापस केंद्र में पहुंची तो ग्रामीणों ने इस बारे में पता किया तो दोनों उन्हें गुमराह करती रही। इस बात का पता लगाने के लिए कुछ ग्रामीण पीजीआई पहुंचे और रिकार्ड देखा तो किसी भी मंदबुद्धि महिला की भर्ती होने का रिकार्ड नहीं मिला। ग्रामीणों ने फोन पर इसकी सूचना दी तो ग्रामीण एकत्रित हुए होकर सामुदायिक केंद्र पहुंचे और ताला जड़ दिया। इससे पहले दोनों स्टाफ नर्स वहां से चली गई थी। ग्रामीणों ने सामुदायिक केंद्र के बाहर जमकर बवाल काटा। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण मौके पर मौजूद थे।
इस मामले में सिविल सर्जन विनय गोविल्ला ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।