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नगर निगम अधिकारियों ने बकाया करों की वसूली के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दी है। निगम की आय के सबसे मुख्य स्त्रोत प्रॉपर्टी टैक्स के अभी तक बिल नहीं बंट पाए थे, जिसे बंटवाने को लेकर निगम ने बिल डिस्ट्रीब्यशून का टेंडर लगा दिया है। अनुमान है कि इस माह के अंत तक इसे वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद प्रॉपर्टी धारक की डिटेल, फोन नंबर व प्रॉपर्टी की फोटो को भी कंपनी द्वारा अपलोड किया जाएगा। इससे टैक्स धारकों की परेशानी भी कम होगी और टैक्स रिकवरी में भी सुधार होगा। इसके अलावा निगम ने अपने ऑफलाइन चार साल के रिकार्ड को ऑनलाइन करवा दिया है। वहीं, बकायादारों से टैक्स वसूली के लिए नोटिस तैयार कर भेजे जा रहे हैैं। इस बारे में टैक्स ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र में वे प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए अग्रसर हैं।
दूसरी ओर रिकवरी न होने पर नगर निगम आयुक्त सुशील कुमार के निलंबन की गृह मंत्री द्वारा निलंबन की सिफारिश पर अंकुश लग सकता है। सुशील कुमार को पानीपत निगम में आयुक्त के पद पर महज चार माह ही हुए हैं। इस दौरान कोरोना काल भी चल रहा था। इसके बाद जुलाई माह से रिकवरी शुरू हुई। वहीं, महज चार माह में ही संकट के समय में निगम ने सभी मदों से करीब 10 करोड़ रुपये की रिकवरी भी की। माना जा रहा है कि अब शहरी विधायक गृह मंत्री से उनका निलंबन न करवाने के लिए सिफारिश लगवा रहे हैं।
वहीं पानीपत से पहले गुरुग्राम नगर निगम पर भी करीब 570 करोड़ रुपये का एरियर बकाया रहता है। इसके बाद पानीपत पर 259 करोड़ का एरियर बकाया निकलता है, लेकिन सिर्फ पानीपत निगम आयुक्त पर ही कार्रवाई के लिए लिखा गया। इस बारे में निगम आयुक्त से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन दो दिन से निगम आयुक्त कार्यालय में नहीं आ पाए, वहीं उनसे फोन पर भी संपर्क नहीं हो पाया।
नगर निगम अधिकारियों ने बकाया करों की वसूली के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दी है। निगम की आय के सबसे मुख्य स्त्रोत प्रॉपर्टी टैक्स के अभी तक बिल नहीं बंट पाए थे, जिसे बंटवाने को लेकर निगम ने बिल डिस्ट्रीब्यशून का टेंडर लगा दिया है। अनुमान है कि इस माह के अंत तक इसे वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद प्रॉपर्टी धारक की डिटेल, फोन नंबर व प्रॉपर्टी की फोटो को भी कंपनी द्वारा अपलोड किया जाएगा। इससे टैक्स धारकों की परेशानी भी कम होगी और टैक्स रिकवरी में भी सुधार होगा। इसके अलावा निगम ने अपने ऑफलाइन चार साल के रिकार्ड को ऑनलाइन करवा दिया है। वहीं, बकायादारों से टैक्स वसूली के लिए नोटिस तैयार कर भेजे जा रहे हैैं। इस बारे में टैक्स ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र में वे प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए अग्रसर हैं।
दूसरी ओर रिकवरी न होने पर नगर निगम आयुक्त सुशील कुमार के निलंबन की गृह मंत्री द्वारा निलंबन की सिफारिश पर अंकुश लग सकता है। सुशील कुमार को पानीपत निगम में आयुक्त के पद पर महज चार माह ही हुए हैं। इस दौरान कोरोना काल भी चल रहा था। इसके बाद जुलाई माह से रिकवरी शुरू हुई। वहीं, महज चार माह में ही संकट के समय में निगम ने सभी मदों से करीब 10 करोड़ रुपये की रिकवरी भी की। माना जा रहा है कि अब शहरी विधायक गृह मंत्री से उनका निलंबन न करवाने के लिए सिफारिश लगवा रहे हैं।
वहीं पानीपत से पहले गुरुग्राम नगर निगम पर भी करीब 570 करोड़ रुपये का एरियर बकाया रहता है। इसके बाद पानीपत पर 259 करोड़ का एरियर बकाया निकलता है, लेकिन सिर्फ पानीपत निगम आयुक्त पर ही कार्रवाई के लिए लिखा गया। इस बारे में निगम आयुक्त से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन दो दिन से निगम आयुक्त कार्यालय में नहीं आ पाए, वहीं उनसे फोन पर भी संपर्क नहीं हो पाया।