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पानीपत में चीफ इंजीनियर की मौत का मामला: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,  बिजली निगम पर लगाया डेढ़ करोड़ का जुर्माना

माई सिटी रिपोर्टर, पानीपत (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Mon, 27 Mar 2023 05:13 PM IST
सार

 पानीपत के तहसील कैंप में अगस्त 2015 में करंट लगने से हुई आईओसीएल के चीफ इंजीनियर की मौत में मामले में हाईकोर्ट ने बिजली निगम को 1.41 करोड़ रुपये जमा करवाने के आदेश दिए हैं।

Case of death of Chief Engineer in Panipat High Court big decision, 1.5 crore rupees fine imposed
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

विस्तार

अगस्त 2015 में तहसील कैंप में बिजली निगम के लोहे के पोल की चपेट में आने से जान गंवाने वाले रिफाइनरी के चीफ इंजिनियर के परिवार को बिजली निगम को 1.91 करोड़ रुपये मुआवजा देना होगा। हाईकोर्ट ने सोमवार को ये आदेश जारी किया है। चीफ इंजिनियर की अविवाहित बेटी ने बिजली निगम के खिलाफ साढ़े सात साल कोर्ट में लड़ाई लड़ी है। फिलहाल निगम को 1.41 करोड़ रुपये मुआवजा देना है 50 लाख पर स्टे लगी है।  



चीफ इंजिनियर पोल के संपर्क में आया
वकील राजकुमार जीवन ने बताया कि अगस्त 2015 में रिफाइनरी का चीफ इंजिनियर सेक्टर 18 निवासी नरेश कुमार अपने परिचित का हाल चाल जानने के लिए हैदराबादी अस्पताल गया था। वहां से लौटते वक्त बरसात हो रही थी। तहसील कैंप में खड़े बिजली निगम के लोहे के पोल पर तारों का गुच्छ था। चीफ इंजिनियर इस पोल के संपर्क में आ गया और गंभीर रूप से झुलस गया। उसको लोगों ने गंभीर हालत में सिविल अस्पताल भिजवाया, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।


प्रमोशन व आयु को देखते हुए सुनाया फैसला
परिजनों का आरोप था कि बिजली निगम की लापरवाही से चीफ इंजिनियर नरेश की मौत हुई है।  नरेश दो बेटियों व एक बेटे का पिता था। उनकी बेटी भारती ने इस संबंध में पानीपत कोर्ट में बिजली निगम के खिलाफ केस दायर किया था। कोर्ट ने इस मामले में बिजली निगम को नरेश के परिवार को डेढ़ करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। बिजली निगम  ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की। हाई कोर्ट ने अपील को खारिज करते  हुए 1.41 करोड़ रुपये तुरंत देने का ऐलान किया। निगम की अपील पर फिलहाल 50 लाख पर स्टे लगाई है। अदालत ने ये फैसला उस वक्त की  चीफ इंजिनियर नरेश की 1.13 लाख रुपये मासिक वेतन , उनकी होने वाली प्रमोशन व आयु को देखते हुए सुनाया है।

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