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पानीपत के समालखा के स्कूल में बनाए गए सेंटर में ग्राम सचिव का पेपर लीक करवाने का ठेका 10 और 15 हजार रुपये में हुआ था। लेकिन उससे पहले ही पेपर सॉल्वर धरा गया। एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ है। पूछताछ में सामने आया है कि करनाल में सॉल्वर को प्रश्नों के उत्तर दिए जाने के एवज में 15 हजार रुपये मिलने थे।
करनाल स्थित कर्ण विहार कॉलोनी में बने परीक्षा सेंटर में दिल्ली पुलिस के एसआई के भाई पुष्पेंद्र और सुनील परीक्षा दे रहे थे। इनका पेपर हल कराने के लिए बहादुरगढ़ निवासी दीपक करनाल सेंटर के बाहर ही मौजूद था। लेकिन उसकी ओर से दी गई आंसर-की परीक्षा कक्ष तक ले जाने से पहले ही अंकित को पकड़ा लिया गया। इसके साथ ही अमन, दीपक और अनुज भी धरे गए। इन्हें भी दूसरी पाली में परीक्षा देनी थी। उधर, पानीपत में समालखा के स्कूल के सॉल्वर सोनीपत निवासी राहुल को भी 10 हजार रुपये दिए जाने थे।
दूसरी ओर एसआईटी ने इस मामले में पेपर लीक गिरोह के 15 और सदस्यों को रडार पर लिया है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही एसआईटी इन लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है। मामले में एसआईटी दिल्ली और प्रदेश के पांच जिलों में लगातार छापामारी कर रही है ताकि पेपर लीक करने वाले गिरोह के नेटवर्क को तोड़ा जा सके।
एसआईटी और पुलिस टीम को अभी तक की पड़ताल में दिल्ली से गिरोह को ऑपरेट किए जाने का सुराग लगा है। पानीपत में पैराडाइज स्कूल समालखा में 10 जनवरी को पेपर लीक होने की गुप्त सूचना पर कार्रवाई के बाद पुलिस ने पानीपत और करनाल से 14 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इन्हें तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, जिसके बाद दिल्ली से गिरोह का संचालन किए जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि एसआईटी टीम का कहना है कि जांच चल रही और गिरोह के जुड़े अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की तीन टीम लगातार दिल्ली, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, कैथल, सोनीपत, जींद, हिसार और बहादुरगढ़ में दबिश दे रहीं हैं।
आरोपियों का फिर रिमांड मांगेगी पुलिस
14 आरोपियों का तीन दिन का रिमांड गुरुवार को खत्म हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अदालत में आरोपियों को फिर से रिमांड पर लेने की मांग करेगी। जिससे गिरोह से जुड़े बड़े नामों का खुलासा हो सके। परीक्षा में पेपर सॉल्वर को लाने के लिए की गई तैयारियों को देखकर संभावना जताई जा रही है कि बगैर बड़े नामों के यह संभव नहीं है, क्योंकि करनाल के सेंटर से पकड़े गए एक आरोपी अंकित के पास से पुलिस ने करनाल के चेकिंग इंचार्ज का आईडी कार्ड बरामद किया है, जो सिर्फ एक सेंटर का नहीं बल्कि पूरे जिले का है। यानि वह जिले के सभी 80 सेंटर में जा सकता था।
मंगलवार तक की पूछताछ में पुलिस पूरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस के एसआई और ग्राम सचिव की परीक्षा दे रहे पुष्पेंद्र के भाई विश्वजीत का पूरे प्रकरण से संबंध नहीं जोड़ सकी थी लेकिन अब जांच में सामने आया है कि विश्वजीत अपने भाई की भी सरकारी नौकरी लगवाना चाहता था। नतीजा उसने भाई को नकल कराने का प्लान बनाया था।
अलग-अलग भी हो सकते हैं गिरोह
पानीपत के समालखा और करनाल में पकड़े गए नकल और पेपर लीक का प्रकरण में शामिल गिरोह अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि पुलिस को पानीपत में पेपर सॉल्वर को पकड़ने के बाद ही करनाल के सेंटर का भी सुराग लगा था। हालांकि पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
गिरोह से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीम दबिश दे रही हैं। करीब 15 और संदिग्ध ट्रेस किए गए हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। हरियाण के कई जिलों में धरपकड़ के लिए टीम छापे मार रही हैं, जल्द ही कार्रवाई सामने आएगी। - पूजा वरिष्ठ, एएसपी, एसआईटी इंचार्ज।
सार
- एसआईटी की टीम कर रही छापामारी, गिरोह से जुड़े 15 और सदस्य टीम के रडार पर
- पुलिस की तीन टीमें दिल्ली, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, कैथल, सोनीपत, जींद, हिसार और बहादुरगढ़ में कर रहीं छापामारी
विस्तार
पानीपत के समालखा के स्कूल में बनाए गए सेंटर में ग्राम सचिव का पेपर लीक करवाने का ठेका 10 और 15 हजार रुपये में हुआ था। लेकिन उससे पहले ही पेपर सॉल्वर धरा गया। एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ है। पूछताछ में सामने आया है कि करनाल में सॉल्वर को प्रश्नों के उत्तर दिए जाने के एवज में 15 हजार रुपये मिलने थे।
करनाल स्थित कर्ण विहार कॉलोनी में बने परीक्षा सेंटर में दिल्ली पुलिस के एसआई के भाई पुष्पेंद्र और सुनील परीक्षा दे रहे थे। इनका पेपर हल कराने के लिए बहादुरगढ़ निवासी दीपक करनाल सेंटर के बाहर ही मौजूद था। लेकिन उसकी ओर से दी गई आंसर-की परीक्षा कक्ष तक ले जाने से पहले ही अंकित को पकड़ा लिया गया। इसके साथ ही अमन, दीपक और अनुज भी धरे गए। इन्हें भी दूसरी पाली में परीक्षा देनी थी। उधर, पानीपत में समालखा के स्कूल के सॉल्वर सोनीपत निवासी राहुल को भी 10 हजार रुपये दिए जाने थे।
दूसरी ओर एसआईटी ने इस मामले में पेपर लीक गिरोह के 15 और सदस्यों को रडार पर लिया है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही एसआईटी इन लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है। मामले में एसआईटी दिल्ली और प्रदेश के पांच जिलों में लगातार छापामारी कर रही है ताकि पेपर लीक करने वाले गिरोह के नेटवर्क को तोड़ा जा सके।
दिल्ली से ऑपरेट किया जा रहा था गिरोह
एसआईटी और पुलिस टीम को अभी तक की पड़ताल में दिल्ली से गिरोह को ऑपरेट किए जाने का सुराग लगा है। पानीपत में पैराडाइज स्कूल समालखा में 10 जनवरी को पेपर लीक होने की गुप्त सूचना पर कार्रवाई के बाद पुलिस ने पानीपत और करनाल से 14 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इन्हें तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, जिसके बाद दिल्ली से गिरोह का संचालन किए जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि एसआईटी टीम का कहना है कि जांच चल रही और गिरोह के जुड़े अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की तीन टीम लगातार दिल्ली, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, कैथल, सोनीपत, जींद, हिसार और बहादुरगढ़ में दबिश दे रहीं हैं।
आरोपियों का फिर रिमांड मांगेगी पुलिस
14 आरोपियों का तीन दिन का रिमांड गुरुवार को खत्म हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अदालत में आरोपियों को फिर से रिमांड पर लेने की मांग करेगी। जिससे गिरोह से जुड़े बड़े नामों का खुलासा हो सके। परीक्षा में पेपर सॉल्वर को लाने के लिए की गई तैयारियों को देखकर संभावना जताई जा रही है कि बगैर बड़े नामों के यह संभव नहीं है, क्योंकि करनाल के सेंटर से पकड़े गए एक आरोपी अंकित के पास से पुलिस ने करनाल के चेकिंग इंचार्ज का आईडी कार्ड बरामद किया है, जो सिर्फ एक सेंटर का नहीं बल्कि पूरे जिले का है। यानि वह जिले के सभी 80 सेंटर में जा सकता था।
भाई को सरकारी नौकरी लगवाने के चक्कर में फंसा एसआई विश्वजीत
मंगलवार तक की पूछताछ में पुलिस पूरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस के एसआई और ग्राम सचिव की परीक्षा दे रहे पुष्पेंद्र के भाई विश्वजीत का पूरे प्रकरण से संबंध नहीं जोड़ सकी थी लेकिन अब जांच में सामने आया है कि विश्वजीत अपने भाई की भी सरकारी नौकरी लगवाना चाहता था। नतीजा उसने भाई को नकल कराने का प्लान बनाया था।
अलग-अलग भी हो सकते हैं गिरोह
पानीपत के समालखा और करनाल में पकड़े गए नकल और पेपर लीक का प्रकरण में शामिल गिरोह अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि पुलिस को पानीपत में पेपर सॉल्वर को पकड़ने के बाद ही करनाल के सेंटर का भी सुराग लगा था। हालांकि पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
गिरोह से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीम दबिश दे रही हैं। करीब 15 और संदिग्ध ट्रेस किए गए हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। हरियाण के कई जिलों में धरपकड़ के लिए टीम छापे मार रही हैं, जल्द ही कार्रवाई सामने आएगी। - पूजा वरिष्ठ, एएसपी, एसआईटी इंचार्ज।