पानीपत। केमिस्ट्री में एसेसमेंट के कम नंबर लगाने के विरोध में शुक्रवार को आईबी पीजी कालेज में बीएससी की छात्राओं ने नारेबाजी कर स्टाफ और प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताया। छात्राओं ने स्टाफ पर जानबूझकर कम नंबर देने का आरोप लगाया और प्राचार्या को बदलने की मांग की। छात्राओं के आंदोलन से कालेज में अफरा तफरी का आलम रहा। मामले को बढ़ता देखकर प्रबंधन को पुलिस का सहारा लेना पड़ा। प्रबंधन और पुलिस ने मुश्किल से छात्राओं को शांत करवाया।
यह था मामला
बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा मनीषा और निशा को प्रथम सेमेस्टर के केमिस्ट्री विषय की एसेसमेंट में 20 में से दो-दो नंबर दिए गए। परीक्षा परिणाम आने पर छात्राएं विषय अध्यापिका से मिलीं और एसेसमेंट के नंबर कम लगाने का कारण पूछा। आरोप है कि अध्यापिका ने छात्राओं को अगले सेमेस्टर में फेल करने की धमकी देकर डराने का प्रयास किया। अध्यापिका का जवाब सुनकर छात्राएं आक्रोशित हो गईं। इस पर करीब 20-25 छात्राएं प्राचार्या के गेट के बाहर पहुंच गईं और नारेबाजी शुरू कर दी। छात्राओं ने मौके पर पहुंची प्राचार्या की भी बात नहीं सुनी। छात्राओं के प्रदर्शन से कालेज की पढ़ाई प्रभावित हो गई। प्रदर्शन से मामला बिगड़ते देख प्रबंधन ने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल कालेज पहुंचा। प्राचार्या रेणू शर्मा ने अधिकारियों के साथ मिलकर आक्रोशित छात्राओं को समझाकर शांत कराया। प्राचार्या ने छात्राओं के भविष्य को देखकर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करने से मना कर दिया। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस भी वापस आ गई।
एसेसमेंट बना अध्यापकों का हथियार
विश्वविद्यालय और बोर्ड का एसेसमेंट सिस्टम अध्यापकों के लिए हथियार साबित हो रहा है। अध्यापक के हाथ में एसेसमेंट के 20 नंबर होते हैं। डाइट के बाद आईबी पीजी कालेज में एसेसमेंट के नंबर पर विरोध इसका उदाहरण है। इससे पहले डाइट की एक छात्रा ने भी अध्यापकों पर एसेसमेंट के नंबर कम लगाने का आरोप लगाया था।
मामले की जांच होगी
एक छात्रा ने केमिस्ट्री की एसेसमेंट में नंबर कम लगाने की बात कही है। वे खुद छात्रा को समझा रही थी, लेकिन छात्रा ने उसके साथ भी बदतमीजी की। एसेसमेंट में नंबर कम लगाने का मामला मेरे संज्ञान में आ गया है। इसकी जांच कराई जाएगी। छात्रा के साथ कहीं पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
रेणू शर्मा, प्राचार्या, आईबी पीजी कालेज, पानीपत
पानीपत। केमिस्ट्री में एसेसमेंट के कम नंबर लगाने के विरोध में शुक्रवार को आईबी पीजी कालेज में बीएससी की छात्राओं ने नारेबाजी कर स्टाफ और प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताया। छात्राओं ने स्टाफ पर जानबूझकर कम नंबर देने का आरोप लगाया और प्राचार्या को बदलने की मांग की। छात्राओं के आंदोलन से कालेज में अफरा तफरी का आलम रहा। मामले को बढ़ता देखकर प्रबंधन को पुलिस का सहारा लेना पड़ा। प्रबंधन और पुलिस ने मुश्किल से छात्राओं को शांत करवाया।
यह था मामला
बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा मनीषा और निशा को प्रथम सेमेस्टर के केमिस्ट्री विषय की एसेसमेंट में 20 में से दो-दो नंबर दिए गए। परीक्षा परिणाम आने पर छात्राएं विषय अध्यापिका से मिलीं और एसेसमेंट के नंबर कम लगाने का कारण पूछा। आरोप है कि अध्यापिका ने छात्राओं को अगले सेमेस्टर में फेल करने की धमकी देकर डराने का प्रयास किया। अध्यापिका का जवाब सुनकर छात्राएं आक्रोशित हो गईं। इस पर करीब 20-25 छात्राएं प्राचार्या के गेट के बाहर पहुंच गईं और नारेबाजी शुरू कर दी। छात्राओं ने मौके पर पहुंची प्राचार्या की भी बात नहीं सुनी। छात्राओं के प्रदर्शन से कालेज की पढ़ाई प्रभावित हो गई। प्रदर्शन से मामला बिगड़ते देख प्रबंधन ने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल कालेज पहुंचा। प्राचार्या रेणू शर्मा ने अधिकारियों के साथ मिलकर आक्रोशित छात्राओं को समझाकर शांत कराया। प्राचार्या ने छात्राओं के भविष्य को देखकर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करने से मना कर दिया। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस भी वापस आ गई।
एसेसमेंट बना अध्यापकों का हथियार
विश्वविद्यालय और बोर्ड का एसेसमेंट सिस्टम अध्यापकों के लिए हथियार साबित हो रहा है। अध्यापक के हाथ में एसेसमेंट के 20 नंबर होते हैं। डाइट के बाद आईबी पीजी कालेज में एसेसमेंट के नंबर पर विरोध इसका उदाहरण है। इससे पहले डाइट की एक छात्रा ने भी अध्यापकों पर एसेसमेंट के नंबर कम लगाने का आरोप लगाया था।
मामले की जांच होगी
एक छात्रा ने केमिस्ट्री की एसेसमेंट में नंबर कम लगाने की बात कही है। वे खुद छात्रा को समझा रही थी, लेकिन छात्रा ने उसके साथ भी बदतमीजी की। एसेसमेंट में नंबर कम लगाने का मामला मेरे संज्ञान में आ गया है। इसकी जांच कराई जाएगी। छात्रा के साथ कहीं पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
रेणू शर्मा, प्राचार्या, आईबी पीजी कालेज, पानीपत