चंडीगढ़। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन करने की मांग की है। वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के खाली पड़े 38 हजार पद तुरंत भरे जाए। उन्होंने मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 8 साल के पूरे कार्यकाल में खट्टर सरकार ने एक भी जेबीटी भर्ती नहीं निकाली। आज तक खुद के विज्ञापन पर एक भी टीचर भर्ती नहीं की। 8 साल में युवाओं को भर्तियों के नाम पर पेपर लीक, परीक्षा रद्द, फर्जीवाड़ा और घूसखोरी मिली है। इसके चलते भर्ती की आस लगाए लाखों युवा ओवरएज हो गये। सरकार के फैसले से 1 लाख से ज्यादा एटेट पास युवाओ के सर्टिफिकेट रद्दी कागज के टुकड़े बन जाएंगे। इस बेतुके फैसले का एक ही कारण है कि सरकार नौकरी देने से बचना चाहती है। प्रदेश में बेरोजगारी इसलिए चरम पर है क्योंकि सरकार नौकरी देने की बजाए नौकरी से निकालने पर जोर दे रही है।
मौजूदा सरकार ने 1983 पीटीआई और ड्राइंग टीचर को नौकरी से निकालने का काम किया। जबकि हुड्डा सरकार के समय अकेले शिक्षा महकमे में टीजीटी, पीजीटी, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर समेत एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई थी। उन्होंने कहा कि जब 2020 में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से केंद्र के सीटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन कर की जा सकती है तो फिर हरियाणा की शिक्षक भर्ती में युवाओं के व्यापक हित को देखते हुए प्रदेश सरकार एचटेट प्रमाण पत्र को 7 साल की बजाय आजीवन वैधता क्यों नहीं देना चाहती। उन्होंने सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल भी केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट की वैधता आजीवन करने की घोषणा की थी और फिर आदमपुर उपचुनाव से दो माह पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने एचटेट सर्टिफिकेट आजीवन मान्य करने की घोषणा कर जल्द नोटिफिकेशन जारी करने की बात कही थी। लेकिन चुनाव खत्म होते ही तकनीकी और कानूनी अड़चनों का बहाना कर सरकार अब अपने ही ऐलान से पीछे हट रही है और बाकी वादों की तरह ही इसे भी चुनावी जुमला साबित कर युवाओं को ठगने का काम कर रही है।