पंचकूला। मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान शहर की कई सड़कों पर आवागमन बाधित रहा। किसानों ने सेक्टर-5 स्थित धरनास्थल पर एकत्रित होकर विरोध जताया। इसके बाद भारी संख्या में हाऊसिंग बोर्ड चौक की तरफ रवाना हुए। पुलिस ने किसानों को बैरिकेडिंग कर सेक्टर 7/18 के चौक पर रोक दिया। शाम को किसान नेताओं ने ज्वाइंट सेक्रेटरी गवर्नर अमरजीत सिंह को मांगों का ज्ञापन सौंपा। किसानों के प्रदर्शन की वजह से हाऊसिंग बोर्ड चौक पर पंचकूला-चंडीगढ़ मार्ग पर करीब पांच घंटे यातायात बंद रहा। शहर के चार रूट बंद करने की वजह से एमडीसी से सिंहद्वारा ट्रैफिक लाइट प्वाइंट और सेक्टर-17 से मौलीजागरां की तरफ जाने वाली सड़क पर भारी ट्रैफिक रहा। किसानों के आंदोलन की वजह से शहर में अलग-अलग जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी। आंदोलन की वजह से पंचकूला के लोगों को चंडीगढ़ जाने में करीब दो से ढाई किलोमीटर ज्यादा सफर तय करना पड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी जोगिंदर नैन, अमरजीत सिंह, रतनमान, लखा सिंह और सुखदेव जम्मू के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया।
सुबह ही संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य टाऊन पार्क पहुंचे
शनिवार सुबह 11 बजे तक प्रदेश के विभिन्न जिलों से सेक्टर-5 के टाऊन पार्क पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारी संख्या में किसान एकजुट हुए। इसके बाद करीब एक बजे प्रदर्शन कर किसान सेक्टर-7/18 के चौक पर पहुंचे। पंचकूला पुलिस ने बैरिकेटिंग कर प्रदर्शनकारियों को चौक पर ही रोक दिया। इसके बाद किसान मोर्चा के सदस्यों को आला अधिकारियों से मिलवाया गया। किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। शाम करीब पौने चार बजे किसान धरने से उठकर वापस चले गए। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर सुबह करीब 11 बजे मेजर संदीप सागर चौक से हाऊसिंग बोर्ड का रास्ता बंद कर दिया था। उधर चंडीगढ़ पुलिस ने भी हाऊसिंग बोर्ड चौक-पंचकूला बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया था। करीब 300 पुलिसकर्मियों को पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर से लेकर सेक्टर-18 चौक तक तैनात किया गया था। इसमें जिले के एसीपी, थानों के एसएचओ और सब इंस्पेक्टर मौजूद रहे।
किसानों की मुख्य मांगें
- हरियाणा सरकार की तरफ से भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून-2020 वापस लिया जाए
- सभी किसानों और मजदूरों को कर्जा मुक्त करें, सस्ती दरों पर लोन दिए जाएं
- फसल खराबी का पुराना और बारिश के जलभराव का पुराना और वर्तमान का मुआवजा दे सरकार
- आबादकार किसानों को मालिकाना हक दिया जाए
- भूजल रिचार्ज के लिए प्रभावी कदम उठाएं
- खाद की कालाबाजारी बंद हो, यूरिया व डीएपी खाद की कमी पूरी की जाए