चंडीगढ़। खरड़ में निजी अस्पतालों की ओर से लिंग जांच के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
मामले में याचिका दाखिल करते हुए एक एनजीओ नेशनल एंटी क्राइम एंड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन ऑफ इंडिया ने बताया था कि खरड़ के एक निजी अस्पताल में गर्भ में लिंग जांच का कार्य किया जा रहा है। मामले में शिकायत के आधार पर एक मेडिकल टीम गठित कर दी गई थी, जिसने अस्पताल का निरीक्षण किया। हैरत की बात यह रही कि अस्पताल प्रबंधन ने उस मेडिकल टीम के लिए बंधक जैसा माहौल बना दिया और उन्हें सीसीटीवी और डीवीआर देखने नहीं दिया। इसके बाद पुलिस के सहयोग से यह टीम अस्पताल से बाहर निकली थी और जांच पूरी नहीं हो पाई थी। टीम ने इसकी शिकायत पुलिस और एसडीएम को दी थी परंतु उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में याची को पता चला कि अस्पताल पर पहले भी इसी कारण एक मामला दर्ज है लेकिन उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक अल्ट्रासाउंड सेंटर अंबाला में भी चलाया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस प्रकार दर्ज एफआईआर को लंबे समय तक लंबित रखा जाता है जिसका फायदा ऐसे अस्पताल उठाते हैं और अपने नाम में मामूली परिवर्तन करके लिंग जांच का कार्य बदस्तूर जारी रखते हैं। ऐसे ही सेंटरों और अस्पतालों के कारण लिंग अनुपात में बड़ी तेजी से गिरावट आई है। कई स्थानों पर तो यह अनुपात 1 हजार लड़कों के पीछे 9 सौ से भी कम लड़कियों तक रह गया है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि वे इस मामले में दखल दे और उचित निर्देश जारी करें। याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार से जवाब तलब कर लिया है।