पंचकूला। शहर के विकास कार्य करवाने के लिए पार्षदों और नगर निगम कमिशभनर आमने-सामने हो गए हैं। उपायुक्त-कम-निगम कमिश्नर ने शहर के विकास पर चरचा करने के लिए पार्षदों को न बुलाकर आरडब्ल्यूए के एक गुट को निमंत्रण भेजा है। बुधवार को दोनों की एक मीटिंग रेडबिशप में होनी है। दोनों के बीच कुछ चरचा हो, इससे पहले पार्षदों ने मौका देखकर चौका जड़ दिया। मंगलवार को शहर के करीब 20 पार्षद हरियाणा के स्थानीय निकाय विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव राम निवास से मुलाकात कर शहर के सभी रुके विकास कार्यों को जल्द से जल्द करवाने की मांग की। साथ ही यह संदेश भी दिया सत्ता में न रहते हुए भी वह विकास के लिए शहर के साथ खड़े हैं।
मंगलवार को शहर के सभी पार्षद पहले एक निजी होटल में इकट्ठे हुए और निकाय विभाग के वित्तायुक्त से मुलाकात की सलाह बनाई। मीटिंग में सभी पार्षद एकजुट हुए और सीधे वित्तायुक्त से मिलने पहुंच गए। इस दौरान पार्षदों ने कई समस्याओं पर चरचा की। पार्षदों के मुताबिक शहर के कई पार्क दयनीय हालत में हैं। कई विकसित होने हैं तो कई को आधा बनाकर छोड़ दिया गया है। इसके अलावा न तो पार्कों में बेंच हैं और न ही झूला। कई पार्कों की मरम्मत/काम 2008 के बाद से नहीं किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र फेज एक व सेक्टर-19 व विभिन्न सड़कों की मरम्मत का काम यदि बरसात से पहले नहीं हुआ तो हालात काफी बिगड़ जाएंगे। शहर में लावारिस कुत्तों व जानवरों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बजट प्रस्तावों में केवल 20 प्रतिशत आय और व्यय के मामले को भी उठाया गया। उन्होंने वित्तायुक्त को बताया कि पिछले कई सालों से बजट में दिखाया जाने वाला लेन-देन किया ही नहीं गया। हुडा से 26 करोड़ रुपये की लेनदारी हर बजट में दिखाई जाती है, लेकिन हुडा से फूटी कौड़ी नहीं मिली। इसी तरह गौशाला निर्माण, फायर ब्रिगेड, स्लाटर हाउस, एमसी कार्यालय की इमारत के निर्माण पर खर्च दिखाया जाता है, लेकिन खर्च कभी नहीं किया गया।
पूर्व पार्षदों ने बताया कि ठेकेदारों का करीब दो साल से भुगतान बकाया है। इसकी वजह से वे टेंडर प्रक्रिया में नहीं भाग लेते। प्रतिनिधिमंडल ने जोर दिया कि शहर के विकास में पार्षद अहम योगदान दे सकते हैं, क्योंकि वे लोगों की गतिविधियों के साथ हर समय जुड़े रहते हैं और समस्याओं से अच्छी तरह से वाकिफ हैं, इसलिए संबंधित वार्ड की समस्याओं को हल करवाने में उनका सहयोग लिया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल में नगर परिषद के पूर्व प्रधान रविंदर रावल, सीमा चौधरी, पूर्व उपप्रधान बीबी सिंघल, वीके कपूर, वीके सूद, नरेश रावल, लिली बावा, चंद्रकांता गोयल, कुलजीत बड़ैच, आरती ठाकुर, विकास चौधरी, गौतम प्रसाद, प्रेम कुमार, ममता मित्तल, लक्ष्मी देवी, शरणजीत कौर, सुनीता देवी, सुभाष निषाद, जलमेघा दहिया, राजेश कुमार मौजूद रहे।
पहले भी नहीं बुलाया गया
नगर परिषद और नगर निगम की खींचतान के दौरान निगम कमिशभनर की ओर से कई बार बैठक का आयोजन किया गया, लेकिन इनमें पार्षदों को निमंत्रण नहीं भेजा गया। इससे वे काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि जब प्रशासन उनसे पेंशन, राशनकार्ड और वोटरकार्ड बनवाने के लिए वैलिड मान सकता है तो विकास के मामले में क्यों नहीं।
कोट
निगम कमिशभनर की ओर से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को कोई भी मैसेज नहीं मिला। यदि दूसरी एसोसिएशन को मीटिंग के लिए बुलाया गया तो यह काफी दुखद है। सेक्टर-16 और 17 में भी काफी समस्याएं हैं। कमिशभनर को सभी को एक नजरिए से देखना चाहिए।
सुभाष पपनेजा, महासचिव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन
कोट
सेक्टर के डेवलपमेंट के लिए निगम कमिशभनर के साथ बुधवार को रेडबिशप में एक मीटिंग रखी गई है। इसमें सेक्टर की एसोसिएशनें हिस्सा ले रही हैं।
करतार सिंह एलावादी, महासचिव सेक्टर-12 ए वेलफेयर एसोसिएशन