मोहाली। हर साल की तरह गर्मी बढ़ते ही शहर में पानी का संकट शुरू हो गया है। फेज 11 के निवासी पानी की किल्लत से बेहाल हो गए हैं। दिन में तीन बार पानी सप्लाई तो किया जाता है। लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर भी पानी का प्रेशर नहीं है। ऊपरी मंजिलों पर तो पानी पहुंचने का सवाल ही नहीं। गौरतलब है कि शहर में सबसे ज्यादा मल्टी-स्टोरी घर फेज 11 में ही हैं। जहां ऊपरी मंजिलों पर रहने वाले बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। लोगों का आरोप है कि हर बार की तरह इस साल भी वाटरसप्लाई विभाग ने गर्मियों से पहले पानी का इंतजाम नहीं किया।
फेज 11 में दिन में तीन बार पानी की सप्लाई दी जाती है, पर प्रेशर बिल्कुल नहीं है। जिसके चलते पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर रहने वालों ने वाटरसप्लाई लाइन में ही मोटर या नलके लगाए हुए हैं। रात के समय वे किसी तरह पानी भर कर रखते हैं। इलाके के पूर्व पार्षद एसएस बरनाला कहते हैं कि कई बार विभाग को कहा कि बेशक पानी सप्लाई का समय कम कर दो, लेकिन प्रेशर किसी तरह बढ़ा दो। ताकि ऊपरी मंजिलों पर भी लोगों को पानी मिले और वे जरूरत का पानी स्टोर कर सकें। लेकिन विभाग ने कुछ नहीं किया। लोगों का कहना है कि सर्दियों में कहा जाता है कि पानी पर्याप्त है, गर्मियों में हर बार परेशानी होती है। अगर विभाग को लगता है कि सप्लाई कम है तो ट्यूबवेल लगाए या जो भी इंतजाम करे।
पिछले साल लगे दो ट्यूबवेल नाकाफी
फेज 11 में छह ट्यूबवेल पहले से लगे थे। जो कम चलते हैं। पिछले साल यहां दो ट्यूबवेल नये लगाए गए। गमाडा ने पुलिस थाने के पास और मकान नंबर 1325/4 के पास दो ट्यूबवेल लगाकर वाटरसप्लाई विभाग को सौंप दिए थे। वे भी इलाके की पानी की जरूरत पूरी करने में नाकाफी हैं।
बूस्टर की योजना बनी थी
पूर्व पार्षद एसएस बरनाला ने बताया कि नगर काउंसिल के पूर्व प्रधान कुलवंत सिंह के कार्यकाल में यहां पानी की समस्या हल करने के लिए व्यापक योजना बनी थी। जिसके तहत पचास लाख की लागत से फेज दस से 11 के बीच सप्लाई लाइन डाली जानी थी। वहीं पचास लाख की लागत से बूस्टर लगाया जाना था। यह मंजूर भी हो गई थी, पर बाद में योजना लटक गई और उसके बाद कोई स्थायी हल नहीं निकला।
कमांडो कॉम्प्लेक्स भी है समस्या
फेज 11 स्थित कमांडो कॉम्प्लेक्स भी इलाकावासियों के लिए एक समस्या है। पूर्व पार्षद एसएस बरनाला के मुताबिक पानी सप्लाई लाइन में एक वाल्व कमांडो कॉम्प्लेक्स में लगा है। वहां के लोग वाल्व खोल कर ज्यादा पानी इस्तेमाल कर लेते थे। जिसके बाद अधिकारियों से बात करके वहां लॉक लगवाया गया, लेकिन अभी स्थायी हल नहीं हुआ है।
स्टोरेज का इंतजाम नहीं
लोगों का कहना है कि वाटर सप्लाई विभाग के पास पानी की स्टोरेज का इंतजाम नहीं है। अगर कजौली से किसी कारणवश दो दिन सप्लाई बंद हो जाए तो लोगों को पानी नहीं मिल सकता। विभाग के पास एक दिन से ज्यादा स्टोरेज का इंतजाम नहीं है।
डिमांड-सप्लाई में है अंतर
वाटरसप्लाई एवं सीवरेज विभाग के एक्सीेएन अनिल कुमार भी मानते हैं कि पानी की डिमांड और सप्लाई में अंतर है। जिसके चलते किल्लत हो रही है। इसके लिए फेज 11 में एक और ट्यूबवेल लगाने के लिए एस्टिमेट भेजा गया है। उन्होंने कहा कि हाल में समस्या 19 मई को कजौली की दो लाइनें बंद होने के चलते आई। वहीं, हॉटलाइन होने के बावजूद रविवार रात को लाइट चली गई। जिससे सप्लाई प्रभावित हुई। पर अब सप्लाई ठीक हो रही है और मंगलवार तक बहाल हो जाएगी।