पंचकूला। शहर के रुके विकास कार्यों को करवाने के लिए नगर निगम को जुगाड़ से ही काम चलाना होगा। अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए उधार लिए गए हुडा अधिकारी ही अब विकास कार्यों के प्रपोजल की टेक्निकल स्वीकृति भी देंगे। यह फैसला हाल ही में स्थानीय निकाय विभाग की मीटिंग के दौरान लिया गया। हालांकि अब तक इसके लिखित आर्डर नहीं आए हैं। तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने से करीब 18 करोड़ के काम पिछले ढाई महीने से पेंडिंग पड़े हैं। नगर निगम ने सड़क, पार्क और स्ट्रीट लाइट से संबंधित कामों के प्रपोजल बनाकर अपने हेड आफिस भेजे थे। नियम के मुताबिक जब किसी पार्क या सड़क के प्रपोजल बनाए जाते हैं तो उनकी प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति जरूरी होती है। यदि नगर निगम में चुने गए प्रतिनिधि होते तो हाउस उनकी स्वीकृति दे सकता था। निगम में हाउस न होने के कारण निगम कमिशभनर एक करोड़ रुपये तक के कामों की प्रशासनिक स्वीकृति दे सकता है, लेकिन तकनीकी नहीं। जिन कामों को निगम कमिश्नर ने हरी झंडी दे दी तो उन्हें स्थानीय निकाय भेजा गया। स्थानीय निकाय के अधिकारियों ने धीमी गति से फिर से प्रपोजल को चेक करना शुरू किया। काम इतना धीमा था कि निगम कमिशभनर को इस सिलसिले में एक बैठक बुलानी पड़ी। बैठक में निगम कमिश्नर, स्थानीय निकाय के डायरेक्टर का अतिरिक्त पद भार संभाल रहे डीएस नांगल और प्रधान सचिव व वित्तायुक्त स्थानीय निकाय राम निवास के साथ बैठक हुई। बैठक में मौखिक तौर पर निर्णय लिया गया कि 25 लाख तक के विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति हुडा के एसई देंगे, जबकि इससे ऊपर की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर को अधिकृत किया गया है।
फिर से काम होंगे लेट
पिछले दिनों आईएएस अधिकारियों के तबादले से स्थानीय निकाय के अधिकारी भी बदले गए हैं। स्थानीय निकाय के डायेक्टर के पद पर समीर पाल सराओ को नियुक्त किया गया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं पिछले मीटिंग में लिए गए निर्णय को लागू करने में फिर से लेट लेतीफी हो सकती है। खास बात यह है कि पिछली मीटिंग में जो भी निर्णय लिए गए हैं वे सिर्फ मौखिक तौर पर थे।
हुडा अधिकारियों से काम कराया
नगर निगम में तकनीकी स्टाफ की भारी कमी है। चीफ इंजीनियर से लेकर जेई तक के पद खाली हैं। इसलिए आनन-फानन में निगम कमिश्नर ने हुडा अधिकारियों से विकास कार्यों के प्रपोजल बनाए। हुडा के जेई से लेकर एक्सईएन ने निगम का हाथ बंटाया और प्रपोजल को अंतिम रूप दिया।
कोट
नगर निगम ने हुडा की सेवाएं लेकर सराहनीय कार्य किया, लेकिन विभागों में तालमेल की कमी और तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने के कारण विकास कार्य लटक गए हैं। उम्मीद है कि शीघ्र ही उचित समाधान निकलेगा।
रविंदर रावल, पूर्व प्रधान नगर परिषद
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कई सालों से पार्क में एक झूला तक नहीं लगा। कमेटी कहती है कि उसके पास रुपयों की कमी नहीं है। सब कुछ उसके पास है, लेकिन कोई भी काम नहीं हो रहे। इससे लोग काफी परेशान हैं।
वीके कपूर, वरिष्ठ पूर्व पार्षद
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यदि बारिश से पहले सेक्टरों की सड़कों का काम नहीं हुआ तो काफी परेशानी आ सकती है। प्रशासन को सबसे पहले सड़कों का काम कराना होगा।
रमेश कुमार बर्तवाल, पूर्व पार्षद
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मीटिंग में हुडा से स्वीकृति लेने की बात तय हुई थी, लेकिन अब तक ऑर्डर नहीं आए हैं। फिर भी हुडा को ही कुछ प्रपोजल भेज रहे हैं।
ओपी सिहाग कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम