पंचकूला। अध्यापक भरती के नए नियमों के खिलाफ आंदोलन कर रहे पात्र अध्यापक संघ का आमरण अनशन सोमवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गया। अनशन पर बैठे कई पात्र अध्यापकों की हालत गंभीर बनी हुई है। खास बात यह है कि पात्र अध्यापक किसी भी तरह का डाक्टरी इलाज लेने से मना कर रहे हैं। अनशनकारियों में उच्च और निम्न रक्तचाप, पानी की कमी, चक्कर आना व पेट दर्द की शिकायत बढ़ रही है। दूसरी ओर, पात्र अध्यापकों से मिलने के लिए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। सोमवार को बीमार अध्यापकों ने चारपाई पर लेटकर राहगीरों से भीख मांगकर विरोध जताया।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलकर पात्रता में छूट देने संबंधी प्रावधान को रद करने की अपील करेगा। पात्र अध्यापकों ने अनशन स्थल पर ही दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धंाजलि दी और शपथ ली कि आधुनिक शिक्षा नीति के जनक स्वर्गीय राजीव गंाधी की तरह पात्र अध्यापक भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की भरती के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेंगे। पात्र अध्यापकों के बिगड़ते स्वास्थ्य की खबरों से प्रदेश भर के पात्र अध्यापकों में चिंता व रोष की लहर है।
अनशनकारियों का कहना है कि जब उनकी मांगें पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। इसके लिए चाहे जो भी करना पड़े। सबसे ज्यादा गंभीर हालत महिला शिक्षक अर्चना सुहासिनी, पवन चमारखेड़ा व जसबीर गुज्जर की है। डाक्टरों का कहना है कि इन्हें जल्द से जल्द से सिविल अस्पताल में दाखिल हो जाना चाहिए।
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पंचकूला में सोमवार को बीमार अध्यापकों ने चारपाई पर लेटकर राहगीरों से भीख मांगकर विरोध जताया।