पंचकूला। सेक्टर-12 में आयरन व्यवसायी की कोठी के बाहर उनके अकाउंटेंट को गोली मारकर 4.40 लाख रुपये लूटने के मामले में पुलिस अब नए गैंग की थ्योरी पर काम कर रही है। वारदात के स्टाइल और प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर पुलिस जहां जेन कार गिरोह के साथ नए गिरोह पर आशंका जताते हुए हाथ-पांव मार रही है, वहीं पीजीआई में दाखिल अकाउंटेंट की हालत अब तक गंभीर बनी हुई है। उसकी राइट किडनी निकाल दी गई है और इसलिए तीसरे दिन भी उसके बयान दर्ज नहीं हो सके।
चंडीगढ़ के लोहा व्यवसायी हरि ओम गोयल के अकाउंटेंट ब्रजमोहन गोयल को गोली मारकर 4 लाख 40 हजार की लूट के मामले में शुक्रवार को भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लगे। वारदात को अंजाम देने वाले को चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने पीछे कोई सबूत नहीं छोड़ा। फिलहाल सीआईए, डिटेक्टिव स्टाफ समेत पुलिस की पांच टीमें मामले की जांच कर रही है।
पुलिस यह मानकर चल रही है कि यह काम किसी नए गिरोह का है। वारदात को बड़ी सफाई से अंजाम दिया गया है। नए गिरोह में कोई ऐसा भी सदस्य हो सकता है, जो पुराने गिरोह से संबंध रखता है। वहीं, पुलिस के आला अधिकारी आरोपियों के पंजाब, हिमाचल प्रदेश या फिर अंबाला में छिपे होने की बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। डीसीपी पारुल कुश जैन के अनुसार, मामले की जांच की जा रही है और इसमें चंडीगढ़-मोहाली पुलिस से भी सहयोग लिया जा रहा है।
फुटेज भी मददगार नहीं
इस घटना में पुलिस को सेक्टर-11 के बैंक की सीसीटीवी फुटेज से कुछ खास सहायता नहीं मिली। फुटेज में पुलिस को क्लीयर तस्वीर नहीं मिली है। ऐसे में आरोपियों और संदिग्ध लोगों की तलाश कर उनके स्कैच बनवाने में पसीने छूट रहे हैं। अब पुलिस सेक्टर-12 की अन्य कोठियों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुटी है। पुलिस के आलाधिकारियों के अनुसार, घायल अकाउंटेंट के बयान के बाद ही अहम जानकारी मिल सकेगी।
देशी कट्टे से हुआ था हमला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ब्रजमोहन पर आरोपियों ने देशी कट्टे से हमला किया था। गोली निकलने के बाद उसे मधुबन भेजकर खोल की जानकारी जुटाई जाएगी। इसी दौरान गोली के बोर के बारे में भी सही जानकारी मिल सकेगी।
पंचकूला। सेक्टर-12 में आयरन व्यवसायी की कोठी के बाहर उनके अकाउंटेंट को गोली मारकर 4.40 लाख रुपये लूटने के मामले में पुलिस अब नए गैंग की थ्योरी पर काम कर रही है। वारदात के स्टाइल और प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर पुलिस जहां जेन कार गिरोह के साथ नए गिरोह पर आशंका जताते हुए हाथ-पांव मार रही है, वहीं पीजीआई में दाखिल अकाउंटेंट की हालत अब तक गंभीर बनी हुई है। उसकी राइट किडनी निकाल दी गई है और इसलिए तीसरे दिन भी उसके बयान दर्ज नहीं हो सके।
चंडीगढ़ के लोहा व्यवसायी हरि ओम गोयल के अकाउंटेंट ब्रजमोहन गोयल को गोली मारकर 4 लाख 40 हजार की लूट के मामले में शुक्रवार को भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लगे। वारदात को अंजाम देने वाले को चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने पीछे कोई सबूत नहीं छोड़ा। फिलहाल सीआईए, डिटेक्टिव स्टाफ समेत पुलिस की पांच टीमें मामले की जांच कर रही है।
पुलिस यह मानकर चल रही है कि यह काम किसी नए गिरोह का है। वारदात को बड़ी सफाई से अंजाम दिया गया है। नए गिरोह में कोई ऐसा भी सदस्य हो सकता है, जो पुराने गिरोह से संबंध रखता है। वहीं, पुलिस के आला अधिकारी आरोपियों के पंजाब, हिमाचल प्रदेश या फिर अंबाला में छिपे होने की बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। डीसीपी पारुल कुश जैन के अनुसार, मामले की जांच की जा रही है और इसमें चंडीगढ़-मोहाली पुलिस से भी सहयोग लिया जा रहा है।
फुटेज भी मददगार नहीं
इस घटना में पुलिस को सेक्टर-11 के बैंक की सीसीटीवी फुटेज से कुछ खास सहायता नहीं मिली। फुटेज में पुलिस को क्लीयर तस्वीर नहीं मिली है। ऐसे में आरोपियों और संदिग्ध लोगों की तलाश कर उनके स्कैच बनवाने में पसीने छूट रहे हैं। अब पुलिस सेक्टर-12 की अन्य कोठियों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुटी है। पुलिस के आलाधिकारियों के अनुसार, घायल अकाउंटेंट के बयान के बाद ही अहम जानकारी मिल सकेगी।
देशी कट्टे से हुआ था हमला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ब्रजमोहन पर आरोपियों ने देशी कट्टे से हमला किया था। गोली निकलने के बाद उसे मधुबन भेजकर खोल की जानकारी जुटाई जाएगी। इसी दौरान गोली के बोर के बारे में भी सही जानकारी मिल सकेगी।